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This Article is From Dec 16, 2023

Rajasthan Temples Time: सर्दी के मौसम में मंदिरों में बदला पूजा का समय, ठाकुर जी को उढ़ाई जा रही रजाई

बीकानेर के दम्माणी चौक के छोटा गोपाल जी मन्दिर में तो रोजाना 21 किलो पंचामृत से स्नान करवा कर उसे भक्तों में बांटा जाता है. 17 तारीख को यहां 51 किलो पंचामृत से स्नान करवाया जाएगा. गीता जयन्ती पर भी गीता पाठ के साथ ही 51 किलो पंचामृत से स्नान होगा.

Rajasthan Temples Time: सर्दी के मौसम में मंदिरों में बदला पूजा का समय, ठाकुर जी को उढ़ाई जा रही रजाई
बीकानेर का प्रसिद्ध मंदिर

Rajasthan Temple News: मिगसर यानी सर्दी के लगते ही मन्दिरों का समय भी बदल गया है. सुबह पांच बजे खुलने वाले मन्दिर अब आधे घन्टा देर से खुलने लगे हैं. वहीं शाम के वक्त भी ठाकुरजी के आरती का समय भी 30 मिनट जल्दी का होने लगा है. सर्दी के बढ़ने के साथ ही भगवान को लगाया जाने वाला भोग भी बदल गया है. पुष्टिमार्गीय वैष्णव मन्दिरों में अब गर्म तासीर वाले भोग जैसे तिल के लड्डू और सौंठ और दूसरी चीज़ों से बने व्यंजनों का भोग लगना शुरू हो गया है. तो वहीं दूसरे मन्दिरों में माखन-मिश्री के साथ-साथ मिगसर थाली का भोग लगाया जा रहा है. 

मिगसर कि थाली में घी और गोंद के आइटम के साथ-साथ पापड़, ग्वारफली और मूंग की दाल के पकोड़ों के साथ ही कुछ दूसरे पकवान भी भोग में आने लगे हैं. मन्दिरों में सुबह-सुबह होने वाला मिगसर स्नान भी अब पंचामृत से होने लगा है. इसमें घी, दूध, दही, केसर और शहद का मिश्रण होता है. पंचामृत स्नान मन्दिरों में गीता जयन्ती के बाद पूर्णिमा तक चलेगा. एक किलो पंचामृत से शुरू हुआ स्नान अब 21 किलो तक पहुंच गया है. अन्तिम दिनों में ये 51 किलो तक पहुंच जाएगा. 

ठाकुर जी को ओढ़ाई रजाई

ठन्ड के इस मौसम में ठाकुर जी को भी अब सर्दी से बचाने के जतन शुरू हो गए हैं. मन्दिरों में रात को अंगीठी जलाई जा रही है और ठाकुरजी को रजाई ओढ़ा कर सर्दी से बचाने की कोशिश की जा रही है. ये सिलसिला बसन्त पञ्चमी तक चलेगा. उसके बाद ठाकुरजी की ड्रेस बदल दी जाएगी. बीकानेर शहर के दाऊजी मन्दिर, रतन बिहारी मन्दिर और लक्ष्मीनाथ मन्दिर में तो ठाकुरजी के साथ-साथ आने वाले भक्तों को भी सर्दी से बचाने के लिए बड़े-बड़े पर्दे लगाए गए हैं, ताकि सर्द हवाओं से उनका बचाव हो सके. 

लक्ष्मीनाथ जी मन्दिर में होगा 9 क्विंटल पंचामृत स्नान

नगर सेठ लक्ष्मीनाथ जी को 24 दिसम्बर को 9 क्विंटल पंचामृत से स्नान करवाया जाएगा. उसके बाद पंचामृत को भक्तों में वितरित किया जाएगा. मन्दिर के पुजारी शंकर सेवक के मुताबिक 900 किलो पंचामृत का वितरण किया जाएगा. दूध, दही, घी, केसर और शहद के मिश्रण से बने पंचामृत से नगर सेठ को स्नान करवा कर उसे भक्तों में बांटा जाएगा.

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