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Witness Protection Scheme: बिना डर के गवाही देने का भरोसा देती है 'गवाह सुरक्षा योजना', जानिए कैसे

गवाहों की सुरक्षा के लिए सरकार ने गवाह सुरक्षा योजना शुरू की. इसके तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर गवाहों को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश की जाती है. इससे आपराधिक न्याय प्रणाली भी मजबूत होती है.

Witness Protection Scheme: बिना डर के गवाही देने का भरोसा देती है  'गवाह सुरक्षा योजना', जानिए कैसे

Witness Protection Scheme: किसी भी केस में गवाहों की भूमिका बहुत अहम होती है. वे केस की आंख, नाक और कान होते हैं. इसलिए, आरोपियों को सजा दिलाने या निर्दोष को बरी करवाने में उनकी अहम भूमिका होती है. लेकिन कई बार ये गवाह अपनी जान भी गंवा देते हैं.और कई बार किसी प्रभावशाली व्यक्ति की धमकी के कारण वे गवाही देने से इनकार कर देते हैं. ऐसे में केस सालों तक चलता रहता है. इसलिए, गवाहों की सुरक्षा के लिए सरकार ने गवाह सुरक्षा योजना शुरू की. इसके तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर गवाहों को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश की जाती है. इससे आपराधिक न्याय प्रणाली भी मजबूत होती है.

गवाह सुरक्षा योजना गवाहों को देती है सुरक्षा का पूरा भरोसा

इस गवाह सुरक्षा योजना के बारे में राजस्थान पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इस योजना की जानकारी दी है. राजस्थान पुलिस ने बताया कि हाल ही में बने नए कानूनों के तहत गवाह सुरक्षा योजना गवाहों को सुरक्षा का पूरा भरोसा देती है. साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का हवाला देते हुए बताया कि यह योजना क्यों शुरू की गई?

गवाह कौन कौन होता है? 

गवाह वह व्यक्ति होता है जिसके पास किसी मामले से संबंधित जानकारी या दस्तावेज होते हैं, जिनका उपयोग मामले में साक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.

गवाह संरक्षण योजना क्यों शुरू की गई?

यह योजना गवाहों में विश्वास पैदा करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि न्याय का उद्देश्य सही तरीके से प्राप्त हो.

गवाह संरक्षण योजना की मुख्य विशेषताएं

इस योजना के अंतर्गत वीडब्ल्यूडीसी की स्थापना का प्रवधान किया गया है. यह एक ऐसे सेंटर होंगे जिनमें गवाहों की गवाही बिना किसी डर के की जा सकेंगी.
इस योजना के तहत VWDC की स्थापना का प्रावधान किया गया है. ये ऐसे केंद्र होंगे जहां गवाह बिना किसी डर के गवाही दे सकेंगे.
इस योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक वर्ष के भीतर संवेदनशील गवाह बयान परिसर स्थापित करने के लिए कहा गया है।
इससे गवाहों को उच्च एवं शक्तिशाली लोगों के खिलाफ निर्भय होकर गवाही देने का अवसर मिलेगा, तथा आरोपी की पोल भी नहीं खुलेगी.
इन वीडब्ल्यूडीसी की स्थापना का मुख्य कारण आपराधिक मामलों में गवाहों के मुकर जाने और झूठी गवाही देने के कारण बरी होने का बड़ा प्रतिशत है. इसका मुख्य कारण उनके और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा की कमी है.
गवाह संरक्षण योजना भारत के सभी राज्यों में लागू  है.
गवाह संरक्षण योजना के अंतर्गत होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक अलग गवाह संरक्षण कोष बनाया जाएगा.

इन तीन मामलों के गवाहों को ही मिलेगा गवाह सुरक्षा योजना का लाभ

नालसा और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) से विचार विमर्श के बाद गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया जिसमें गवाहों की सुरक्षा के आधार पर इसे तीन श्रेणियों में रखा गया है-

ऐसे मामले जहां जांच के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों के जीवन को गंभीर खतरा हो.
ऐसे मामले जहां जांच या परीक्षण के दौरान गवाह या उसके परिवार के सदस्यों की प्रतिष्ठा और संपत्ति को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है.

क्यों पड़ी इस योजना की आवश्यकता ?

गौरतलब है कि इस स्कीम की जरुरत आसाराम बापू से जुड़े बलात्कार मामले में गवाहों के संरक्षण के लिये जनहित याचिका की सुनवाई के बाद सामने आया है. क्योंकि आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले कई लोगों की हत्याऔर कई पर जानलेवा हमला किया गया था.

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