भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र के नरसिंहपुरा गांव में बीती रात एक लापता मासूम का शव गांव से 3 किलोमीटर दूर जलते भट्टे में पाया गया. बच्ची का शव भट्टे में मिलने के साथ ही ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर धरना देकर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि परिजन बीती रात को ही बच्ची के लापता होने पर कोटडी थाने में पहुंचे थे. मगर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने टालमटोल वाला रवैया अपनाया. बच्ची के आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र जैसी दस्तावेज लाने की बात कह कर टाल दिया था.
इस बात को लेकर ग्रामीणों में रोष है. बताया जा रहा है कि कल दोपहर को नरसिंहपुरा गांव में रहने वाले एक गुर्जर परिवार की बच्ची अपनी मां के साथ बकरी चराने गई थी. बच्ची मां से बिछड़ गई और उसके बाद देर रात तक घर नहीं पहुंची. मगर लापता बच्ची की तलाश पूरी रात परिजन करते रहे. इस बीच अल सुबह बच्ची के शरीर उनके खेत के पास कोयले के भट्टे में मिला. जिसमें एक चांदी का कड़ा भी था. इसके बाद परिजनों ने सूचना पुलिस को दी. मौके पर पुलिस पहुंची कोटडी डिप्टी श्याम सुंदर के साथ ही थाना प्रभारी मौके पर मौजूद हैं.
घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर मौके पर पहुंचे हुए हैं. राज्य मंत्री धीरज गुर्जर व पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का मौका मुआयना किया है. वह भी धरने में शामिल हो गए हैं. पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने भीलवाड़ा पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अगर समय रहते बच्ची के परिजनों को टाल मटोल नहीं करती और तलाश करती तो शायद बच्चों को बचाया जा सकता था. वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया और आशंका जाहिर की कि बच्ची के साथ हत्या से पहले जलाने से पहले दुष्कर्म हुआ है.
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