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महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने किया बड़ा काम, बफर स्टॉक से बेचे लाखों टन गेंहू और चावल

सरकार ने हाउस होल्ड सप्लाई को बढ़ाने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों के तहत थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल बेचा है.

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महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने किया बड़ा काम, बफर स्टॉक से बेचे लाखों टन गेंहू और चावल
सरकार ने बेचा लाखों टन गेंहूं और चावल

Inflation Control: देश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है और चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. महंगाई की वजह से सरकार का बाजार पर नियंत्रण कम दिख रहा है. जहां देश में दाल के भाव आसमान छू रहे हैं. वहीं अब गेहूं और चावल की कीमत भी तेजी बढ़ रहे हैं. जबकि इससे बनने वाले सामानों के रेट भी बढ़ गए हैं. ऐसे में खुदरा कीमतों पर नियंत्रण पाना जरूरी हो गया है. अब केंद्र सरकार ने खुदरा कीमतों को कंट्रोल करने के लिए बड़ी कोशिश की है. माना जा रहा है कि इससे लोगों का राहत मिल सकती है. दरअसल सरकार बफर स्टॉक से गेहूं और चावल की बिक्री कर रही है. 

सरकार ने बेचा लाखों टन गेहूं और चावल

दरअसल, सरकार ने हाउस होल्ड सप्लाई को बढ़ाने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों के तहत थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल बेचा है. सरकार खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए अपने बफर स्टॉक से गेहूं और चावल बेच रही है. खाद्यान्न खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी कर रही है. केंद्र ने मार्च, 2024 तक ओएमएसएस के लिए 101.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है.

एक सरकारी बयान में कहा गया है, '26वीं ई-नीलामी 20 दिसंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें चार लाख टन गेहूं और 1.93 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी. ई-नीलामी में, 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल - क्रमश: 2,178.24 रुपये प्रति क्विंटल और 2905.40 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत पर बेचा गया था.'

2000 टन तक लगा सकते हैं बोली

चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित कर रही है. जिसमें एक बोलीदाता द्वारा बोली लगाने वाले चावल की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमशः एक टन और 2,000 टन तय की गई है. बोलीदाता ओएमएसएस (घरेलू) के तहत चावल के संबंध में एक टन के गुणकों में बोली लगा सकते हैं.

यह उपाय ओएमएसएस (घरेलू) के तहत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए किया गया है और वर्तमान ई-नीलामी में चावल की बिक्री पिछली ई-नीलामी में बेचे गए 3,300 टन से बढ़कर 13,164 टन हो गई है.

इस महीने की शुरुआत में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था कि सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए ओएमएसएस के तहत जनवरी-मार्च, 2024 के दौरान थोक उपभोक्ताओं को अतिरिक्त 25 लाख टन एफसीआई का गेहूं उतारने के लिए तैयार है.

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