
Word Cancer Day: जैसलमेर.एक दशक में लगातार कैंसर के बढ़ते मरीज और समय पर इस बीमारी का पता नहीं लग पाना आज भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है.आज भी 60 पर्सेंट मरीज एडवांस स्टेज में इलाज के लिए पहुंचते हैं.ऐसे मरीजों की वजह से उन मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है.
डॉ.. वी.के. वर्मा जिले में एक मात्र कैंसर विशेषज्ञ है. कैंसर वार्ड में नोडल अधिकारी डॉ वर्मा वार्ड शुरू होने से पहले कीमोथैरेपी की ट्रेनिंग ले चुके हैं.अब वे जैसलमेर में कैंसर मरीजों का बेहतरीन इलाज कर रहे हैं. हालांकि कैंसर मरीजों का इलाज बाहरी अस्पतालों में चलता है और उसके बाद निरंतर इलाज के लिए जैसलमेर में सुविधा मौजूद है
जवाहर अस्पताल में कैंसर यूनिट जैसलमेर के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. जहां ऐसे कई उदाहरण मौजूद है जिसमें कैंसर का लाखों रुपए का इलाज जैसलमेर में एकदम फ्री हो रहा है.जानकारों के अनुसार एक बार कीमोथैरेपी करवाने के 1 लाख रुपए तक खर्च होते थे, दवाईयां 40 से 50 हजार रुपए की साप्ताहिक लगती थी.
कैंसर रोग विषेषज्ञ डॉ. वर्मा ने बताया कि जैसलमेर में एनसीडी योजना के तहत सितंबर 2017 में कैंसर वार्ड की स्थापना हुई. तब से लेकर अब तक 1700 से अधिक मरीज चिह्नित हो चुके हैं.इनमें से 700 के करीब मरीज का वर्तमान में उपचार जैसलमेर में ही चल रहा है.
चिकित्सकों के अनुसार कैंसर का नाम सुनते ही हर कोई सहम जाता है. लेकिन यदि जागरूक रहकर समय पर इलाज ले लिया जाए तो यह बीमारी लाइलाज नहीं है. जैसलमेर में कई मरीज इस बीमारी से रिकवर भी हुए हैं. उन्होंने कहा कि यदि समय पर जांच नहीं करवाई जाए तो कैंसर की स्टेज आगे बढ़ जाती है और उसमें मौत की संभावना बढ़ जाती है.
कैंसर की पहचान कैसे करें
यदि शरीर में कहीं भी कोई गांठ है तो उसकी तुरंत जांच करवाएं, मुंह में तीन सप्ताह से ज्यादा कोई छाला या घाव है तो तत्काल उसकी जांच करवाएं. चिकित्सकों के मुताबिक जागरूक रहकर समय पर जांच करवाने से पहली स्टेज में कैंसर पकड़ में आ जाता है तो उस पर सभी तरह का उपचार लागू हो सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)