विज्ञापन

 स्‍टूडेंट ने फ्री में खाने की न‍िकाली गजब तरकीब, बनाया वॉट्सऐप ग्रुप; महाकुंभ में भंडारे का रोज शेयर होता है मेन्‍यू  

Kumbh2025: प्रयागराज में रहने वाले स्‍टूडेंट फ्री में खाने की गजब की तरकीब न‍िकाली है. महाकुंभ में शिव‍िर में भंडारे में जाकर खाना खाते हैं. इसके ल‍िए वाट्सएप ग्रुप बना हुआ है, जहां पर रोज खाने का मेन्‍यू शेयर होता है. 

 स्‍टूडेंट ने फ्री में खाने की न‍िकाली गजब तरकीब, बनाया वॉट्सऐप ग्रुप; महाकुंभ में भंडारे का रोज शेयर होता है मेन्‍यू  

Kumbh2025: प्रयागराज महाकुंभ की वजह से स्‍टूडेंट्स को खाना बनाने की च‍िंता खत्‍म हो गई. श‍िव‍िर में लगने वाले भंडारे में रोज सुबह-शाम भोजन करते हैं. दारागंज, अल्‍लापुर, तेल‍ियरगंज, बैराहना, छोटा बघाड़ा, राजापुर, झूंसी और नैनी के आसपास कमरा लेकर रहने वाले स्‍टूडेंट कुंभ के भंडारे में रोज भोजन करते हैं. तेल‍ियरगंज में रहने वाले स्‍टूडेंट का कहना है क‍ि एक महीने तक खाना बनाने और बर्तन धुलने का झंझट खत्‍म हो गया. 

गंगा में स्‍नान करने के बाद खाते हैं भंडारा 

सुबह गंगा जी में स्‍नान करते हैं. फ‍िर भंडारे में खाना खाकर कमरे पर आकर पढ़ाई करते हैं. शाम को भी दोस्‍तों के साथ जाकर भंडारे में खाना खाते हैं. इसके ल‍िए वाट्सएप ग्रुप बना ल‍िया गया है. क‍िस सेक्‍टर के भंडारे में क्‍या म‍िल रहा है. उसी अनुसार प्‍लान करते हैं. वाट्सऐप ग्रुप पर मैसेज देखकर उस सेक्‍टर के श‍िव‍िर में पहुंच जाते हैं.

हर सेक्‍टर के भंडारे में अलग-अलग मेन्‍यू रहता है  

अलग-अलग सेक्‍टर में अलग-अलग मेन्‍यू होता है. जैसे पता करते हैं क‍ि कहां रसगुल्‍ला बंट रहा है. वहां पहुंच जाते हैं. गाजर का हलवा खाना है तो उसके बारे में वाट्सऐप ग्रुप पर जानकारी आ जाती है. स्‍टूडेंट्स का कहना है क‍ि इससे खाना बनाने का झंझट खत्‍म हो गया है. महाकुंभ में जाने में ज्‍यादा समय भी नहीं लगता है. गंगा क‍िनारे कमरा होने का यह फायदा म‍िलता है. 

कमरा लेकर रहते हैं प्रत‍ियोगी छात्र 

बैराहना, दारागंज, तेल‍ियरंगज, झूंसी, नैनी अल्‍लापुर, बाघंबरी, दारागंज इलाके में स्‍टूडेंट कमरा लेकर प्रत‍ियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं. ये इलाके गंगा और यमुना के क‍िनारे ही है. यहां रहने वाले स्‍टूडेंट को महाकुंभ जाने में अध‍िक समय भी नहीं लगता. वाक‍िंग ड‍िस्‍टेंस पर ही महाकुंभ है. 

भंडारे जैसा स्‍वाद‍िष्‍ट भोजन कहीं नहीं म‍िलता 

स्‍टूडेंट्स का कहना है क‍ि‍ भंडारे के भोजन का अलग ही स्‍वाद होता है. चाहकर भी कमरे पर भंडारे जैसा स्‍वाद वाला भोजन नहीं बना पाते हैं. एक महीने तक अलग-अलग तरह का भोजन करते हैं. वाट्सएप ग्रुप पर खाने का हर अपडेट म‍िल जाता है, इसल‍िए ज्‍यादा भटकना भी नहीं पड़ता है.  

यह भी पढ़ें: पायलट-गहलोत और डोटासरा को हनुमान का चैलेंज, बोले- 'पार्टी बनाकर लड़ लो, 3 हजार वोट नहीं मिलेंगे'

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close