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This Article is From Oct 18, 2023

संजीवनी घोटाला मामलाः हाई कोर्ट से गजेंद्र सिंह शेखावत को नहीं मिली राहत, समय बढ़ाने के लिए SOG को अर्जी देने को कहा

संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले का आरोप मुख्यमंत्री गहलोत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर अक्सर लगाते रहते हैं. इस मामले में केंद्रीय मंत्री ने सीएम के खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज कराया है.

संजीवनी घोटाला मामलाः हाई कोर्ट से गजेंद्र सिंह शेखावत को नहीं मिली राहत, समय बढ़ाने के लिए SOG को अर्जी देने को कहा
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत.

Sanjeevani society scam case: जोधपुर संजीवनी कोऑपरेटिव घोटाले मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर किए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. जिसमें न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील को कहा कि इस मामले में नोटिस पर समय के लिए एसओजी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करें. यदि एसओजी समय नहीं दे तो दोबारा राजस्थान हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं.

वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि वह इस प्रार्थना पत्र पर जवाब के लिए समय दिया जाए. वैसे भी इस मामले में 30 अक्टूबर को पहले से सुनवाई निश्चित है. हालांकि केंद्रीय मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पावा ने प्रयास किया कि समय नहीं मिले तो इस मामले में स्थगन हो जाए.

लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले से ही राहत दे रखी है. केवल दस्तावेजों के लिए एसओजी ने नोटिस जारी किया गया है. ऐसे में जांच एजेंसी द्वारा समय को बढ़ाया जा सकता है. यदि आवश्यकता हो तो केंद्रीय मंत्री शेखावत की ओर से प्रार्थना पत्र भी पेश किया जा सकता है.

शेखावत की ओर से अधिवक्ताओं ने काफी प्रयास किया कि उनको राहत मिले लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उनको जांच एजेंसी के समक्ष जाकर ही समय लेना होगा. एसओजी द्वारा आचार संहिता से ठीक एक दिन पूर्व एक नोटिस जारी करते हुए बैंक डिटेल सहित संपूर्ण दस्तावेज मांगे गए थे.

ऐसे में शेखावत के अधिवक्ताओं ने कहा कि आगामी दिनों में राजस्थान विधानसभा के चुनाव है और उनका बिजी शेड्यूल होने की चलते वह फिलहाल अपने दस्तावेज जांच एजेंसी के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे. दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय दिया जाए ऐसे में कोर्ट ने कहा कि समय बढ़ाने के लिए उन्हें जांच एजेंसी के समक्ष जाना होगा.

वहीं पर एक प्रार्थना पत्र पेश करें यदि एजेंसी द्वारा समय नहीं बढ़ाया जाएगा तो वह दोबारा कोर्ट आ सकते हैं. गौरतलब है कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले में करीब ₹900  करोड रुपए का गबन का आरोप लगाया गया है. इसमें केंद्रीय मंत्री सहित कई लोगों को आरोपी भी बनाया गया. जिस पर हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल 2023 को गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. साथ ही किसी प्रकार की दण्डात्मक कार्रवाई नहीं होगी  कोर्ट ने कहा कि जब पहले से राहत मिली हुई है तो फिर नोटिस के लिए राहत कैसे दे सकते हैं.

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