ACB action in Dungarpur: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी चुनावी गतिविधियों में व्यस्त हो गए हैं. लेकिन इस व्यस्तता के बीच भी कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जो रिश्वतखोरी के मौकों को दोनों हाथों से लपक रहे हैं. ताजा मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले से सामने आया है. जहां एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने सर्किट हाउस में घूस लेते एक सरकारी इंजीनियर को रंगेहाथों को गिरफ्तार किया है. रिश्वत के साथ गिरफ्तार सरकारी इंजीनियर की पहचान डूंगरपुर जिला परिषद के अधिशासी अभियंता अजय भार्गव के रूप में हुई है. भार्गव सर्किट हाउस में मनरेगा से जुड़े एक प्रस्ताव की स्वीकृति के एवज में घूस ले रहे थे.
मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा की स्वीकृति निकालने की एवज में रिश्वत की राशि की मांग की शिकायत पर उदयपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल टीम ने डूंगरपुर जिले के जिला परिषद के अधिशासी अभियंता अजय भार्गव को डूंगरपुर सर्किट हाउस में 45 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
सरपंच पुत्र ने की थी शिकायत
उदयपुर एसीबी की स्पेशल टीम के एएसपी उमेश ओझा ने बताया कि सत्तू पंचायत के सरपंच पुत्र शांतिलाल पुत्र तेजपाल कटारा निवासी देवकी ने 6 अक्टूबर को उदयपुर ऑफिस में शिकायत की थी. शिकायत में बताया था कि डूंगरपुर जिला परिषद के अधिशासी अभियंता अजय भार्गव मनरेगा की स्वीकृति निकालने के लिए सामग्री मद की राशि में से 2 प्रतिशत कमीशन के रूप में 80 हजार रुपए की डिमांड कर रहा है.
डूंगरपुर सर्किट हाउस से हुई गिरफ्तारी
वहीं, 20 हजार रुपए की राशि उसने ले भी ली है. शिकायत पर एसीबी की स्पेशल यूनिट ने सत्यापन करवाया. सत्यापन में पुष्टि होने पर बुधवार को एसीबी की स्पेशल यूनिट ने ट्रैप का जाल बिछाया. वहीं, डूंगरपुर सर्किट हाउस में 45 हजार की रिश्वत राशि लेते अधिशासी अभियंता अजय भार्गव को रंगे हाथ गिरफ्तार किया. सर्किट हाउस में उदयपुर एसीबी की स्पेशल यूनिट के एएसपी उमेश ओझा के नेतृत्व में कार्रवाई जारी है.
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