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अजमेर में अफसरों की मनमानी से 120 करोड़ के प्रोजेक्ट पर फिरा पानी, अब चलेगा बुलडोजर

राजस्थान के अजमेर जिले में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हुए अवैध निर्माणों को सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर तोड़ने की कार्रवाई तेज हो गई है. जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

अजमेर में अफसरों की मनमानी से 120 करोड़ के प्रोजेक्ट पर फिरा पानी, अब चलेगा बुलडोजर
निर्माण पर चल रहा बुलडोजर.

Ajmer Smart City Project: राजस्थान के अजमेर जिले में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हुए अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा तेज कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरण नियमों की अनदेखी और मास्टर प्लान के उल्लंघन के कारण प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कई महत्वपूर्ण निर्माणों को गिराने का आदेश दिया है.

इस तरह अफसरों की मनमर्जी के कारण अजमेर शहर को 120 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा. इन निर्माणों की स्वीकृति भाजपा सरकार के दौरान मिली थी, जबकि कार्य कांग्रेस सरकार में पूरे हुए थे, जिससे अब दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

1947 करोड़ में बनी थी परियोजना

स्मार्ट सिटी परियोजना का कुल बजट 1947 करोड़ रुपए था, जिसमें 50% राशि केंद्र सरकार, 30% राज्य सरकार और 10-10% का योगदान अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा दिया गया था. प्रमुख निर्माणों में 11.12 करोड़ रुपए की लागत से सेवन वंडर, 7.29 करोड़ का फूड कोर्ट, 39.83 करोड़ की लागत से पासे, 15.29 करोड़ में पटेल स्टेडियम और 7.80 करोड़ रुपए में कोटड़ा गांधी उद्यान का निर्माण किया गया था. 

निर्माण पर चल रहा बुलडोजर.

निर्माण पर चल रहा बुलडोजर.

डीपीआर में 20 करोड़ हुए थे खर्च

इन परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में भी 20 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. अब सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद सेवन वंडर से स्टेचू ऑफ लिबर्टी की मूर्ति को हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से हटाया गया. वहीं फूड कोर्ट और अन्य स्थानों को जेसीबी और क्रेन की मदद से साफ किया जा रहा है.

भाजपा-कांग्रेस में तीखी बयानबाजी

नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन गहलोत सरकार, अधिकारियों की तानाशाही, अदूरदर्शिता और भ्रष्टाचार की भेंट ये प्रोजेक्ट चढ़ गए. वहीं, कांग्रेस नेता और अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उ

न्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने और नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता 

सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर हो रही कार्रवाई की जानकारी देते हुए अजमेर के एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के तहत की जा रही है. उन्होंने कहा कि निर्माणों को गिराने का फैसला किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि कानूनी आदेशों के अनुपालन में लिया गया है.

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