
निर्वाचन आयोग ने बारां जिले के अंता सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है. इस सीट पर 11 नवंबर को वोटिंग होगी. इसके साथ ही राजस्थान में एक बार फिर से सियासत की सरगर्मी बढ़ गई है. कांग्रेस ने अपनी तरफ से हाड़ौती के कद्दावर नेता प्रमोद जैन भाया को टिकट दे दिया है. नरेश मीणा निर्दलीय मैदान में उतरेंगे. उनके चुनावी मैदान में उतरने से अब चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.
कांग्रेस ने प्रमोज जैन को दिया टिकट
बारां के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप शाह के अनुसार कांग्रेस में टिकट को लेकर कोई संशय नहीं था. क्योंकि टिकट प्रमोद जैन भाया के पास ही था. भाया कांग्रेस में कद्दावर नेताओं में शुमार है. इस क्षेत्र में भाया के अलावा कोई दमदार प्रत्याशी था भी नहीं. अगर वे चुनावी मैदान में नहीं भी उतरते तो तब भी किसी और को टिकट वे ही दिलवाते.
बीजेपी में टिकट को लेकर मंथन शुरू
वहीं, भाजपा में अब टिकट को लेकर मंथन शुरू हो गया है. स्थानीय कार्यकर्ता स्थानीय को ही उम्मीदवार बनाने की मांग किए हुए हैं. जो भी अंतिम फैसला होगा वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा उनके पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह की सलाह से ही होना संभव है. बारां, झालावाड़ जिले में इन्हीं का दबदबा है.
वहीं,इसके साथ ही उनका पदयात्रा का रूट भी अंदर खाने बन रहा है. जानकारी के मुताबिक वे सोरसन माता मंदिर से पदयात्रा शुरू करेंगे. हर दिन लगभग 30 किलोमीटर यात्रा तय करेंगे, जो बड़ा बालाजी धाम पर पूरी होगी.
असमंजस में कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल
अब एक रोचक बात ये भी है कि नरेश मीणा ने लोकसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल का पूरा साथ दिया था. तो अब जब नरेश मीणा मैदान में उतरेंगे तो गुंजल के पार्टी स्तर पर दुविधा की स्थिति बनेगी. हालांकि, गुंजल ने मीडिया को यह बताया है कि वे अब कांग्रेस पार्टी में हैं, तो मुझे पार्टी का ही साथ निभाना ही होगा.
पिछले 3 चुनावों में अंता में 2 बार भाजपा की जीत
2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के कंवरलाल मीणा ने 5861 वोटों से कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया को हराया. 2018 में प्रमोद जैन भाया ने कांग्रेस के प्रभुलाल सैनी पर 34 हजार 63 मतों से जीत हासिल की. वहीं, 2013 में भाजपा के प्रभुलाल सैनी 3 हजार 399 मतों से जीते.
अंंता सीट पर 2 लख 27 हजार वोटर
अंता सीट पर कुल 2 लाख 27 हजार 563 वोटर है. इनमें 1 लाख 16 हजार 405 पुरुष और 1 लाख 11 हजार 154 महिला वोटर है. उपचुनाव से पहले वोटर लिस्ट अपडेट की गई है, इसमें 1336 वोटर बढ़े है. सीट पर जातीय प्रभुत्व की बात करें तो मीणा, माली और धाकड़ समाज के वोट ज्यादा है.
क्यों हो रहा है सीट पर उपचुनाव?
दरअसल, इस सीट से विधायक कंवरलाल मीणा पर 20 साल पहले एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में सजा हो गई है. इसके बाद मई में उनकी विधायकी खत्म कर दी गई थी. इसलिए अब ये सीट खाली हो गई है और यहां उपचुनाव हो रहे हैं.
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