Local Body Election: राजस्थान में इस साल नगर निकाय चुनाव नहीं होंगे. राज्य के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने NDTV से बातचीत में बताया कि चुनाव अब संभावित रूप से जनवरी-फरवरी 2026 में होंगे. उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही नए आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी. इससे पहले पुरानी सीमाओं के आधार पर लॉटरी निकाली गई थी, लेकिन अब नई सीमांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और नई लॉटरी के लिए समय लगेगा.
मंत्री खर्रा ने बताया कि इस बार मेयर और चेयरमैन का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं बल्कि पार्षदों के वोट से होगा. उनका कहना है कि प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के दौरान मेयर और बोर्ड अलग-अलग पार्टियों के होने से विकास कार्य बाधित होते हैं और प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होता है. इसी अनुभव के आधार पर सरकार ने स्थिर प्रशासन के लिए पारंपरिक प्रणाली ही अपनाने का निर्णय लिया है.
दो-दो निगम बनाने का निर्णय केवल राजनीतिक
उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगमों में फिलहाल प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं और यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक नई चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं होती. मंत्री ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के समय दो-दो निगम बनाने का निर्णय केवल राजनीतिक कारणों से लिया गया था.
2009 के प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के अनुभव से सबक लिया
झाबर सिंह खर्रा ने स्पष्ट किया कि 2009 के प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के अनुभव से सबक लिया गया है. उस समय मेयर एक पार्टी का और बोर्ड दूसरी पार्टी का था, जिससे पांच साल तक खींचतान और कामकाज में टकराव की स्थिति बनी रही. इसलिए अब से मेयर और चेयरमैन का चुनाव पार्षदों के वोट से ही होगा.
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