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This Article is From Jan 22, 2024

जाट आरक्षण आंदोलन पर आया बड़ा अपडेट, चेतावनी के बाद आया राजस्थान सरकार का बुलावा

22 जनवरी तक सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद अब राजस्थान सरकार ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति की चेतावनी को देखते हुए 11 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल जयपुर बुलाया है.

जाट आरक्षण आंदोलन पर आया बड़ा अपडेट, चेतावनी के बाद आया राजस्थान सरकार का बुलावा
राजस्थान जाट आंदोलन.

Rajasthan Jat Reservation Movement: राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जाट समाज ने 17 जनवरी से केंद्र सरकार द्वारा छिने गए जाट ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) की मांग को लेकर महापड़ाव शुरू किया है. वहीं, महापड़ाव शुरू करते ही जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी दी थी कि वह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा होने तक यानी 22 जनवरी तक करेंगे. इसके बाद भी सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन का रूप बदलेगा. बता दें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो चुका है और 22 जनवरी चेतावनी का आखिरी दिन है. 

22 जनवरी तक सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद अब राजस्थान सरकार ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति की चेतावनी को देखते हुए 11 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल जयपुर बुलाया है. सीएम भजन लाल शर्मा से वार्ता के लिए 11 सदस्य जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार के नेतृत्व में जयपुर रवाना हो गए है.

देर रात हो सकती है मीटिंग

जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि सरकार से वार्ता का निमंत्रण मिला है. सरकार से वार्ता के लिए हम लोग जा रहे है. उन्होंने कहा 11 सदस्यीय प्रतिंधिनिध मंडल जयपुर के लिए रवाना हो गया है. सीएम से मुलाकात का समय शाम पांच बजे तय किया  गया था लेकिन यह वार्ता देर शाम तक हो सकती है. 

आंदोलन रूकेगा या आगे होगा उग्र

उन्होंने कहा वार्ता में जिन बिंदुओं पर सहमति बनेगी, वो यहां जाट समाज के बीच में आंदोलन संघर्ष समिति के संरक्षक पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र को अवगत कराएंगे. सभी की सहमति से और उनके निर्देशन में जो निर्णय होगा. उसके अनुसार आगे काम होगा. 

सरकार हमारी बात को गंभीरता पूर्वक ले रही है सरकार को धन्यवाद देते है अगर वार्ता में सहमति नहीं बनती है जो जाट आरक्षण संघर्ष समिति के द्वारा जो आंदोलन की रणनीति तय कर रखी है उस हिसाब से आंदोलन किया जाएगा.

बता दें, राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज का ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) को 10 साल पहले केंद्र में आयी बीजेपी सरकार ने समाप्त कर दिया था. हालांकि, साल 2017 में जब राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने जाटों को ओबीसी आरक्षण दिया था तो लगा था कि केंद्र भी अब इसके सहाने आरक्षण को लागू कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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