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राजस्थान में ठंड ने मचाई दोहरी मुसीबत, लो विजिबिलिटी से बढ़ीं सड़क दुर्घटनाएं, लो हार्ट पंपिंग मरीजों की संख्या बढ़ी

Cold Wave In Rajasthan: चिकित्सकों के मुताबिक ठंड बढ़ने से लो हार्ट पम्पिंग वाले मरीज बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों में लो हार्ट पम्पिंग की वजह से हार्ट फेल्योर की सम्भावना बढ़ जाती है और अस्पताल में आने वाले रोगियों में 50 प्रतिशत इससे पीड़ित हैं. हाल ये है कि सिर्फ गम्भीर रोगियों को भर्ती किया जा रहा है, ज्यादातर को छुट्टी दी जा रही है.

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राजस्थान में ठंड ने मचाई दोहरी मुसीबत, लो विजिबिलिटी से बढ़ीं सड़क दुर्घटनाएं, लो हार्ट पंपिंग मरीजों की संख्या बढ़ी
प्रतीकात्मक तस्वीर

Weather In Rajasthan: राजस्थान में कड़ाके की ठंड का लोगों पर दोतरफा असर पड़ रहा है. घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से जहां दुर्घटनाओं के मामले बढ़ गए हैं, वहीं सर्दी, खांसी, बुखार और खांसी से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में सामान्य अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. सर्दी के कारण कम पम्पिंग वाले हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है, जिसके चलते हल्दीराम मूलचंद हृदय चिकित्सालय में आउटडोर रोगियों की संख्या 450 तक पहुंच गई है.

चिकित्सकों के मुताबिक ठंड बढ़ने से लो हार्ट पम्पिंग वाले मरीज बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों में लो हार्ट पम्पिंग की वजह से हार्ट फेल्योर की सम्भावना बढ़ जाती है

गौरतलब है सम्भाग के सबसे बड़ा हृदय रोग संस्थान हल्दीराम मूलचन्द हार्ट अस्पताल में दूसरे राज्यों से भी लोग इलाज करवाने आते हैं. इंचार्ज और एस. पी. मेडिकल कॉलेज, बीकानेर के सीनियर प्रोफ़ेसर डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल बताते हैं कि आम तौर पर रोज़ाना 300 के करीब मरीज आते हैं, लेकिन सर्दियों में आंकड़ा बढ़कर 450 से ज़्यादा पहुंच गया है.

चिकित्सकों के मुताबिक ठंड बढ़ने से लो हार्ट पम्पिंग वाले मरीज बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों में लो हार्ट पम्पिंग की वजह से हार्ट फेल्योर की सम्भावना बढ़ जाती है और अस्पताल में आने वाले रोगियों में 50 प्रतिशत इससे पीड़ित हैं. हाल ये है कि सिर्फ गम्भीर रोगियों को भर्ती किया जा रहा है, ज्यादातर को छुट्टी दी जा रही है.

जबर्दस्त कोहरे की वजह से आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं, जिसकी मूल वजह कम विजिबिलिटी है. उन्होंने बताया कि इन दिनों में ट्रॉमा सेन्टर में दुर्घटनाग्रस्त लोगों की संख्या भी काफी बढ़ गई है.

ट्रॉमा सेन्टर के निदेशक डॉ. बी. एल. खजोटिया का कहना है कि जबर्दस्त कोहरे की वजह से आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं, जिसकी मूल वजह कम विजिबिलिटी है. उन्होंने बताया कि इन दिनों में ट्रॉमा सेन्टर में दुर्घटनाग्रस्त लोगों की संख्या भी काफी बढ़ गई है. आम दिनों में जहां दिन में 100 मरीज आते हैं तो सर्दी शुरू होने के बाद तादाद बढ़कर 125 हो गई है.  

चिकित्सकों के मुताबिक कड़ाके की सर्दी में बुजुर्गों और बच्चों का ख़ास खयाल रखना चाहिए. खाने पीने के साथ ही मॉर्निंग और इवनिंग वॉक में भी एहतियात रखना ज़रूरी है. 

पीबीएम चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर  डॉ. एल. के. कपिल का कहना है कि इस मौसम में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इस तरह के रोगियों की तादाद काफी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इन दिनों सर्दी में बीपी भी जहां बढ़ जाता है, वहीं, सिम्पैथोमेमेटिक ड्राइव भी बढ़ता है, जिसका असर हार्मोंस पर पड़ता है, इससे कार्डियक अटैक का खतरा बढ़ जाता है. 

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