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This Article is From Oct 17, 2023

नर्मदा नहर की सफाई में देरी से जालोर और सांचौर में बढ़ा पेयजल संकट, 5 दिन बढ़ा क्लोजर

नर्मदा नहर की साफ-सफाई की तिथि 5 दिन अतिरिक्त बढ़ने से दोनों जिले के निवासी हलकान है. किसानों ने किसान संघर्ष समिति सांचौर के बैनर तले नर्मदा नहर परियोजना की वितरिकाओं व माईनर में रबी की सीजन के लिए पानी देने समेत अन्य मांगों को लेकर नर्मदा परिसर में धरना शुरू कर दिया है.

नर्मदा नहर की सफाई में देरी से जालोर और सांचौर में बढ़ा पेयजल संकट, 5 दिन बढ़ा क्लोजर
प्रतीकात्मक तस्वीर

जालोर और सांचौर जिले की जीवनदायनी मानी जाने वाली नर्मदा नहर में साफ़ सफ़ाई के लिए पिछले 15 दिनों से क्लोजर था, लेकिन साफ-सफाई का काम तय समय पर पूरा नहीं होने के चलते क्लोजर को 5 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है.  क्लोजर लंबा होने के दोनों जिले में भयंकर पेयजल संकट जैसी स्थितियां पैदा हो चुकी है. बता दें, पहले नर्मदा नहर की साफ-सफाई की कार्य 1 अक्टूब से 15 अक्टूबर के बीच पूरा किया जाना था. 

माना जा रहा है कि नर्मदा विभाग अधिकारियों की उदासीनता के चलते समय पर साफ-सफाई का काम तय समय में पूरा नहीं किया जा सका, जिसके चलते नहर की साफ-सफाई के काम के क्लोजर को 5 दिनों तक बढ़ाना पड़ा है, जिसके चलते पहले से पेयजल के लिए तरस रहे जालौर और सांचोर जिले के लोगों का संकट बढ़ गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक नहर की साफ-सफाई की तिथि 5 दिन अतिरिक्त बढ़ने से दोनों जिले के निवासी हलकान है और अब वहां के किसानों ने वितरिकाओं में पानी छोड़ने की मांग को लेकर धरना शुरू किया है. किसानों ने किसान संघर्ष समिति सांचौर के बैनर तले नर्मदा नहर परियोजना की वितरिकाओं व माईनर में रबी की सीजन के लिए पानी देने समेत अन्य मांगों को लेकर नर्मदा परिसर में धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री गहलोत के नाम एडीएम चंद्र शेखर भंडारी को ज्ञापन भी सौंपा है.

ज्ञापन में किसानों ने मुख्य नहर, लिफ्ट नहर वितरिकाएं एवं उप वितरिकाओं की सफाई व झाड़ी कटाई का कार्य करवाने, जैसला, वॉक, रतोड़ा, भीमगुडा, ईशरोल, शिवपुरा, साकरिया, माणकी, पनोरिया वितरिका व उप वितरिकाओं में भरी मिट्टी को निकालने के अलावा नर्मदा नहर के लिए टेंडर हुए दो माह हो जाने के बावजूद कार्य की कोई प्रगति नहीं होने की शिकायत की है. 

गौरतलब है विभाग द्वारा 15 अक्टूबर 2023 से सिंचाई के लिए पानी देना प्रस्तावित था. किसानों के साथ लिखित समझौते का समय पूरा होने के बावजूद किसानों को पानी नहीं दिया है. इस कारण किसान परेशान हैं और अब नहर की साफ-सफाई के कामकाज में देरी होने के चलते उनका संकट बढ़ गया है. इनमें पेयजल का संकट प्रमुख है. बताया जाता है कि पेयजल के जालौर और सांचोर जिले में लोग 700 रुपए चुकाकर टैंकर से पानी डलवाने को मजबूर हैं.

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