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कोटा के दवा दुकानों से चल रहा नशे का कारोबार, ड्रग कंट्रोलर की रेड में मिला बड़ा रिकॉर्ड

कोटा में दवा के नाम पर नशे का कारोबार हो रहा है. दवा के थोक व्यापारी रिटेल में नशे की दवाएं बेच रहा था. इस बात का खुलासा ड्रग कंट्रोलर डिपार्टमेंट की छापेमारी के बाद हुई. जब ड्रग कंट्रोलर की टीम ने स्टेशन इलाके में मेडिकल स्टोर बाबा फार्मा पर छापा मारा तो यहां से 3000 अल्प्राजोलम टेबलेट और 500 कोडीन की बोतल का रिकार्ड मिला.

कोटा के दवा दुकानों से चल रहा नशे का कारोबार, ड्रग कंट्रोलर की रेड में मिला बड़ा रिकॉर्ड
कोटा में दवा दुकान में ड्रग कंट्रोलर टीम की छापेमारी.

कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर राजस्थान के कोटा जिले में इन दिनों नशे का कारोबार बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. कोटा में रहकर तैयारी करने वाले छात्रों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी ड्रग के आदी हो रहे हैं. हैरत की बात यह है कि कोटा में नशे का कारोबार दवा दुकानों से संचालित हो रहा है. इस बात का खुलासा बुधवार को तब हुआ जब औषधि नियंत्रण संगठन ने कोटा शहर के स्टेशन इलाके में एक थोक व्यापारी के छापेमारी की. इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में नशे में उपयोग होने वाली दवाओं के बेचने का खुलासा हुआ. यह दवा विक्रेता बीते 6 महीने में नशे और नींद के काम आने वाली दवाओं के 500 सिरप और 5000 टैबलेट बेच चुका है. दवाओं के इस थोक व्यापारी ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह अब तक बड़ी मात्रा में दवाएं रिटेल में बेच चुका. नशे की इन दवाओं को बेचते समय उसने ग्राहक से किसी प्रकार का पहचान का दस्तावेज भी नहीं लिया है. 

6 महीने में 500 सिरप और 5000 नशे के टैबलेट बेचे

राजस्थान के औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के निर्देशन में औषधि नियंत्रक अधिकारी योगेश कुमार और दिनेश कुमावत ने की है. योगेश कुमार ने बताया कि उनके पास सूचना आई थी कि कोटा में दवा की दुकानों पर अवैध रूप से एनडीपीएस की दवा को बेचा जा रहा है. इसके बाद खारी बावड़ी स्थित फार्मा पर एक्शन लिया गया. 

इसके रिकॉर्ड की जांच करने पर सामने आया कि बीते 6 महीने में उसने 500 सिरप और 5000 टैबलेट नशे और नींद की दवाओं की बेच दी. दवा ​विक्रेता ने नशे की जो दो दवाएं बेची है. उन पर राजस्थान सरकार फिलहाल रोक लगाई हुई है. छापामारी में 3000 अल्प्राजोलम टेबलेट व 500 कोडीन की बोतल का रिकॉर्ड मिला है. 

बड़ी मात्रा में मिली अनियमितता

जानकारी के मुताबिक़ बाबा फार्मा फर्म पर लंबे समय से निगरानी रखी जा रही थी. यहां लगातार माल आ रहा था और माल बिक भी रहा था, लेकिन बिना बिल इसे बेचा जा रहा था. दुकान पर कोई बिल और कंप्यूटर सिस्टम भी नहीं मिला. ये दवाएं बिना डॉक्टर की पर्ची के ​बेची जा रही थी. उन्होंने बताया कि इस दुकान का अभी केवल 6 महीने का स्टॉक का वेरिफिकेशन किया गया है. इसमें ही बड़ी मात्रा में अनियमितता मिली है. ऐसे में 1 जनवरी 2023 से रिकॉर्ड मांगा गया है. योगेश कुमार ने बताया कि कोटा की अन्य फर्में भी इस तरह का दुरुपयोग कर रही हैं. उनपर भी कार्रवाई की जाएगी. 

नियम विरुद्ध रिटेल में नहीं बेच रहा था विक्रेता

कोटा के सहायक औषधि निरीक्षक प्रहलाद मीणा ने बताया कि थोक के लाइसेंस पर रिटेल में दवा नहीं बेचा जा सकता है. साथ ही एनडीपीएस की दवाएं प्रारंभिक रूप पर रिटेल में बिना बिल के बेचना सामने आया है. ऐसे में इस पर लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई सहित अन्य कार्रवाई भी होगी.

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