ATM Exchange Loot Gang: सीकर पुलिस को सोमवार को एक ठगी गैंग को दबोचने में सफलता मिली है, जो पूरा का पूरा एटीम बैंक बदलकर ठगी को अंजाम देते थे..शहर कोतवाली पुलिस ने एटीएम बदलकर रुपए निकालने वाली गैंग के दो मुख्य सरगना को हिसार से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार एटीएम गैंग अब तक प्रदेश के कई जिलों के एटीएम को निशाना बना चुके हैं.
गैंग के भंडाफोड के लिए पुलिस ने 50 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
रिपोर्ट के मुताबिक शहर कोतवाली पुलिस की स्पेशल टीम के हेड कांस्टेबल दुर्गाराम, कांस्टेबल दिलीप व कांस्टेबल दिनेश ने आरोपियों का पीछा करते हुए करीब 50 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और दोनों आरोपी सत्यवान व प्रवीण सांसी का पीछा करते हुए हिसार जिले से गिरफ्तार किया. फिलहाल, कोतवाली पुलिस दोनों गिरफ्तार आरोपियों से अन्य वारदातों के बारे में भी पूछताछ कर रही है.
लगातार सामने आ रही थी एटीएम बदलकर ठगी करने की वारदातें
शहर कोतवाल विक्रांत शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली क्षेत्र के सालासर बस स्टैंड, बजाज रोड, बायोस्कोप, उद्योग नगर थाना क्षेत्र, लक्ष्मणगढ़ व फतेहपुर सहित अलग-अलग इलाकों में जनवरी माह से ही लगातार एटीएम पर लोगों के एटीएम बदलकर ठगी करने की वारदातें सामने आ रही थी.
स्पेशल टीम का गठन कर पुलिस ने एटीएम लूट गैंग को दबोचा
मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देशन में कोतवाली पुलिस की स्पेशल टीम का गठन किया गया. जिसमें हेड कांस्टेबल दुर्गाराम, कांस्टेबल दिनेश व कांस्टेबल दिलीप थे. स्पेशल टीम ने कड़ी मेहनत से काम किया और घटनास्थल सहित अन्य स्थानों के करीब 50 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक किए.
गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार डेरा चेंज करते हैं आरोपी
पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो जनों की पहचान की, जिसमें से एक सत्यवान और दूसरा प्रवीण था. दोनों आरोपियों की जानकारी जुटाई तो पता चला कि दोनों आरोपी हरियाणा के रोहतक के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में हिसार में रहते हैं. दोनों आरोपी सत्यवान व प्रवीण सांसी जाति के हैं और बार-बार रहने के लिए अपना डेरा भी चेंज करते थे.
गैंग बहाने से लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर करता था ठगी
स्पेशल पुलिस टीम दोनों आरोपियों का पीछा करते हुए हिसार पहुंची और दोनों आरोपियों को कड़ी मेहनत के बाद हिसार से गिरफ्तार किया.शहर कोतवाल ने वारदात के तरीके के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी एटीएम पर सहायता करने के बहाने लोगों को एटीएम कार्ड लेकर पिन नंबर जान लेते और बाद में एटीएम कार्ड बदलकर पैसा निकाल लेते थे.