Rajasthan News: राजस्थान के पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के बयान पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. डोटासरा ने कहा था कि गृह राज्य मंत्री एक कांस्टेबल का ट्रांसफर भी नहीं कर सकते. इस पर बेढम ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्रांसफर करना न तो मंत्री का काम है और न ही विधायक का. यह कार्य पूरी तरह से प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसे अधिकारी ही लागू करते हैं.
''गोविंद सिंह डोटासरा को अपनी कुर्सी खतरे में नजर आ रही है''
बेढम ने कांग्रेस पर आंतरिक कलह का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की अंदरूनी लड़ाई चल रही है. उनके अनुसार, गोविंद सिंह डोटासरा को अपनी कुर्सी खतरे में नजर आ रही है, इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं. मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का काम केवल सुझाव देना है, यह बताना है कि किसी अधिकारी की कार्यशैली कैसी है, लेकिन नियुक्ति व स्थानांतरण का अंतिम निर्णय प्रशासनिक अधिकारियों का होता है.
''शिक्षकों को ट्रांसफर के पैसे देने पड़ते थे''
मंत्री बेढम ने डोटासरा के पुराने कार्यकाल पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब डोटासरा मंत्री थे, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें आईना दिखाने का काम किया था. गहलोत ने शिक्षकों से पूछा था कि क्या उन्हें ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं, और उसी दौरान कई शिक्षक अपनी कुर्सियों पर खड़े होकर बोले थे कि हां, उन्हें पैसे देने पड़ते हैं. बेढम ने कहा कि उस समय डोटासरा को अपने ही विभाग की स्थिति पर शर्मिंदा होना पड़ा था.
मंत्री बेढम ने कहा कि वर्तमान सरकार ऐसे काम नहीं करती. उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार मजबूत कानून बनाती है और पारदर्शिता के साथ काम करती है. बेढम ने स्पष्ट कहा कि पिछली सरकारों की तरह खरीद-फरोख्त या दबाव की राजनीति राजस्थान में अब स्वीकार्य नहीं है.
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