War Honor Scheme: भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार बार युद्ध हुए हैं. चारों युद्धों में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह शिकस्त दी थी. इन युद्धों में सबसे प्रमुख युद्ध वर्ष 1965 और 1971 में लड़े गए थे. जिसमें हाल ही में भारत सरकार के 'पूर्व सैनिक कल्याण विभाग' और 'रक्षा मंत्रालय' ने एक मत्वपूर्ण घोषणा की है. 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल पेंशनर और नॉन पेंशनर सैनिकों को "युद्ध सम्मान योजना" के तहत एक मुश्त 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
पैसों से सैनिकों को मिलेगी आर्थिक सहायता
पूर्व सैन्य अधिकारी सूबेदार बल्देवाराम ने कहा कि 1965 और 1971 जैसे युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों को केवल पेंशन जैसे लाभ ही मिल रहे थे. उन्हें किसी प्रकार का कोई पैकेज और आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही थी. लेकिन सरकार के इस कदम से अब इन युद्धों में भाग लेने वाले सैनिकों को 15 लाख रुपए का जो पैकेज दिया जा रहा है. इन पैसों से सभी सैनिकों को आर्थिक सहायता मिलेगी. यह उनके लिए देश की सेवा करने का सबसे बड़ा इनाम होगा. सरकार की इस पहल से देश की सेवा कर रहे वर्तमान सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा.
खुद को सैनिक महसूस कर रहा हूं
रिटायर्ड कैप्टन अजमेरी खान ने कहा कि उस युद्ध को याद कर मन में सिहरन पैदा हो जाती है. चारों ओर से बम और गोलियों की गूंज थी. 4 दिसम्बर 1971 की रात को उन्होंने सेना के जवानों के साथ पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश किया. अब सरकार ने इस युद्ध के सैनिकों का सम्मान करने का फैसला किया है. इस फैसले से एक बार फिर मेरा मनोबल बढ़ गया है. खुद को फिर से एक सैनिक के रूप में ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं.
युद्ध सम्मान योजना के लिए ऐसे भेजना होगा आवेदन
युद्ध सम्मान योजना के लिए आवेदन करने में डिस्चार्ज बुक, पीपीओ, आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक खाते की पासबुक, पिछले पाँच वर्ष की आयकर रिटर्न सहित कई और दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी. उपरोक्त दस्तावेजों के साथ-साथ वर्तमान में उसका व्यवसाय व वार्षिक आय का ब्योरा, प्रोपर्टी जैसे कृषि भूमि, मकान, प्लॉट आदि के दस्तावेज, संलग्न प्रपत्र में भरकर मय पूर्ण विवरण अपने संबन्धित रिकार्ड कार्यालय को भेज सकते है. पूर्व सैन्य अधिकारी की जानकारी के अनुसार अपने संबंधित मुख्यालय (सेना मुख्यालय, जल सेना मुख्यालय और वायु सेना मुख्यालय में भेज सकते हैं.
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