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राजस्थान में उद्योगों का रास्ता साफ, विधानसभा में लैंड रेवेन्यू बिल 2025 पास, जानें इसके बड़े फायदे

एक खास बात यह है कि इस बिल के प्रावधान 18 सितंबर 1979 से पहले औद्योगिक उद्देश्यों के लिए आवंटित की गई उन जमीनों पर लागू नहीं होंगे, जिनकी लीज पहले ही सरकार या RIICO द्वारा रद्द की जा चुकी थी.

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राजस्थान विधानसभा ने भू-राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2025 पारित किया.

Rajasthan News: राजस्थान में अब इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को नई रफ्तार मिलेगी. राज्य की विधानसभा ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राजस्थान लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट एंड वैलिडेशन) बिल, 2025 पास कर दिया है. इस बिल का मुख्य मकसद राज्य में औद्योगिक विकास को गति देना और व्यापार को आसान बनाना है. सरकार का दावा है कि इस नए कानून से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने इस बिल को राजस्थान के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को मजबूत करने की दिशा में एक अहम फैसला बताया. उन्होंने कहा कि यह कानून राज्य को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा.

क्यों लाया गया यह नया कानून?

इस बिल को लाने के पीछे सबसे बड़ा कारण राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RIICO) के कामकाज को सरल और कानूनी रूप से मजबूत बनाना है. RIICO राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और प्रबंधन की मुख्य संस्था है. अब तक, जमीन के लेन-देन, उपयोग और नियमन से जुड़े कई काम पुराने कानूनों के तहत जटिल थे. इस वजह से निवेशकों को काफी परेशानी होती थी और कई बार काम में देरी भी होती थी. जोगाराम पटेल ने बताया कि यह संशोधन राजस्थान लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1956 में बदलाव करता है. इस बदलाव से सरकार द्वारा RIICO को दी गई सभी जमीनें, चाहे वे इस संशोधन से पहले दी गई हों या बाद में, सभी कानूनी उद्देश्यों के लिए मान्य मानी जाएंगी. इस प्रावधान से कानूनी अस्पष्टता खत्म होगी और निवेशकों को यह भरोसा मिलेगा कि उनकी जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज पूरी तरह से वैध हैं.

RIICO को मिले ये खास अधिकार

इस नए कानून से RIICO को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले भूखंडों को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण अधिकार मिल गए हैं. इनमें शामिल हैं:

  • RIICO अब भूखंडों के ट्रांसफर और सब-डिविजन को कानूनी रूप से मान्य कर सकेगा.
  • जिन भूखंडों में अनियमितता थी, उनका रेगुलराइजेशन करना अब आसान हो जाएगा.
  • इंडस्ट्रियल प्लॉट के यूज में बदलाव या स्पेसिफिकेशन करना अब कानूनी रूप से मान्य होगा.
  • इंडस्ट्रियल एरिया के लेआउट प्लान बनाना और उनमें बदलाव करना भी अब RIICO के अधिकार में होगा.
  • प्लॉट्स का निपटान करना और आवश्यक अनुमतियां देना भी अब RIICO के लिए आसान होगा.
  • इंडस्ट्रियल एरिया में डेवलपमेंट कामों को लागू करने के लिए RIICO को अब और भी मजबूत कानूनी आधार मिलेगा.

मंत्री ने साफ किया कि ये सभी अधिकार RIICO को अपने औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापक योजना बनाने और रेगुलेटरी अथॉरिटी के रूप में काम करने के लिए सशक्त बनाएंगे.

निवेशकों के लिए क्यों है यह खास?

यह बिल सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राजस्थान में निवेश लाने का एक बड़ा जरिया है. जब किसी निवेशक को यह पता होता है कि जमीन से जुड़े सभी नियम स्पष्ट और कानूनी रूप से मान्य हैं, तो उनका भरोसा बढ़ता है. इस बिल से कानूनी विवादों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे मुकदमेबाजी में लगने वाले समय और पैसे की बचत होगी.

'रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे'

जोगाराम पटेल ने कहा कि जमीन प्रबंधन में इस तरह की स्पष्टता से निवेश में आने वाली अड़चनें दूर होंगी और नए औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. इसका सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. सरकार का मानना है कि यह बिल राजस्थान को भारत में निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य (competitive hub) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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