
Jalebi- samosa News: अब लोगों को जलेबी, समोसा, वड़ा पाव जैसी स्वादिष्ट चीजें खाने के लिए सौ बार सोचना पड़ेगा जिनके बारे में लोग खाने से पहले कभी भी सोचते नहीं थे, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों से समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज और वड़ा पाव जैसे स्नैक्स में चीनी और तेल की मात्रा बताने को कहा है.
तेल और शक्कर बोर्ड लगाने का दिया आदेश
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर के केंद्रीय संस्थानों को "तेल और शक्कर बोर्ड" लगाने का आदेश दिया है. जिससे स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दिया जा सके तथा मोटापे और गैर-संचारी रोगों से निपटा जा सके.
मोटापे को लेकर चिंता बढ़ने के कारण आया ये आइडिया
21 जून को लिखे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव के पत्र में भारत के वयस्कों और बच्चों में मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. इसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21)के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज़्यादा वयस्क अधिक वजन या मोटापे का शिकार है.
2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 में 44.9 करोड़ होने का है अनुमान
उन्होंने इस पत्र में लिखा कि 2025 में प्रकाशित 'लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन' के अनुसार, भारत में अधिक वजन और मोटे वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ थी, जो 2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ होने का अनुमान है, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक मोटापे वाला देश बन जाएगा.
हेल्दी हैबिट को बढ़ावा देने के लिए किया ये काम
इस परेशानी से दूर रहने के लिए यह कदम उठाया गया है. पत्र में आगे कहा गया है कि हम विभिन्न स्थानों पर हेल्दी हैबिट को बढ़ावा देने के लिए चीनी और तेल बोर्ड पहल को इन चीजों पर लगाने का प्रस्ताव कर रहे हैं. ये बोर्ड स्कूलों, कार्यालयों, सार्वजनिक संस्थानों में संकेतक के रूप में काम करेंगे, जो रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में छिपे वसा और चीनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करेंगे.'
हर फूड स्टाव पर लिखनी होगी ये जानकारी
उन्होंने सभी मंत्रालयों से अनुरोध किया कि वे सभी विभागों, कार्यालयों, स्वायत्त निकायों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों, संगठनों को निर्देश जारी करें कि वे सार्वजनिक क्षेत्रों (कैफेटेरिया, लॉबी, बैठक कक्ष और अन्य सार्वजनिक स्थानों) में तेल और चीनी बोर्ड के डिस्प्ले (डिजिटल स्टैटिक पोस्टर समेत अन्य) लगाएं ताकि हानिकारक उपभोग के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके.
उन्होंने कहा, 'सभी आधिकारिक स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर) और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश छापें ताकि मोटापे से लड़ने के दैनिक अनुस्मारक को सुदृढ़ किया जा सके'
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