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केवलादेव नेशनल पार्क के नेचर गाइड की नौकरी पर संकट, गाइड बोले- हमारा रोजगार मत छीनो सरकार

केवलादेव नेशनल पार्क के नेचर गाइड गोरधन सिंह ने बताया कि वह 40 साल से नेचर गाइड है. लेकिन सरकार के द्वारा जारी किया गया यह आदेश हमारी रोजी रोटी छीनने का काम करेगा.

केवलादेव नेशनल पार्क के नेचर गाइड की नौकरी पर संकट, गाइड बोले- हमारा रोजगार मत छीनो सरकार
राजस्थान के भरतपुर जिले में अवस्थित केवलादेव नेशनल पार्क.

Keoladeo National Park: राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित केवलादेव नेशनल पार्क को पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है. यहां सर्दियों के मौसम में देश-विदेश से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर 200 से अधिक पक्षी पहुंचते हैं. केवलादेव में घूमने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इन सैलानियों को केवलादेव पार्क और वहां रह रहे पक्षियों के बारे में सही जानकारी मिले इसके लिए कई नेचर गाइड भी यहां हैं. लेकिन अब नेचर गाइड की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. 

टूरिस्ट के हर ई-रिक्शा पर एक गाइड था अनिवार्य

दरअसल अक्टूबर 2023 को राजस्थान सरकार ने एक नया आदेश लाते हुए टूरिस्ट की हर एक ई-रिक्शा पर सैलानियों के साथ एक नेचर गाइड अनिवार्य कर दिया था. लेकिन अब भजनलाल शर्मा सरकार ने इस आदेश को पलट दिया है. इससे नेचर गाइड की नौकरी खत्म होने की आशंका बढ़ गई है. 

अब नेचर गाइड की अनिवार्यता समाप्त

लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है. पार्क प्रशासन के अनुसार गाइड की अनिवार्यता वाले नियम के कारण पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई थी क्योंकि यह भार उनके लिए काफी था. ऐसे में पर्यटकों की समस्या को देखते हुए सरकार ने नेचर गाइड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है.

अब 10 या 10 से अधिक टूरिस्टों पर गाइड जरूरी

अब नेचर गाइड 10 या 10 से अधिक पर्यटकों पर ही अनिवार्य होगा. लेकिन सरकार के इस फैसले का पर्यटक स्वागत कर रहे है तो दूसरी ओर नेचर गाइड इस फैसले के खिलाफ है. नेचर गाइड का कहना है इसी पार्क से हमारी रोजी-रोटी चलती है लेकिन सरकार के फैसले से हमारी रोज-रोटी पर संकट पैदा हो गया. सरकार को अपने फैसले पर विचार विमर्श करना चाहिए.

सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते केवलादेव नेशनल पार्क के नेचर गाइड.

सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते केवलादेव नेशनल पार्क के नेचर गाइड.

डीएफओ ने बताया- नियम में क्या हुआ बदलाव

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि पिछली वर्ष अक्टूबर में राजस्थान सरकार का नियम आया था कि प्रत्येक ई-रिक्शा के साथ नेचर गाइड अनिवार्य कर दिया था. सरकार ने संशोधन करते हुए प्रत्येक ई रिक्शा की बजाय अब नेचर गाइड 10 या इससे अधिक पर्यटकों पर अनिवार्य होंगे.

नेचर गाइड के लिए किया जाएगा विचारः डीएफओ

उन्होंने आगे बताया कि पिछले सीज़न में कई मामले आए थे, जब पर्यटकों ने कहा था कि यह उनके बजट से बाहर है और उन्हें काफी परेशानी आ रही थी. इसी चीज को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है. जैसे ही आदेश आयेंगे हम पार्क में लागू कर देंगे. नेचर गाइड के लिए और क्या बेहतर हो सकता है उनके लिए विचार करेंगे.

नेचर गाइड बोले- हमारी रोजी-रोटी पर संकट

मोहन सिंह सोलंकी ने बताया कि है पार्क में पिछले 17 साल से नेचर गाइड का काम कर रहा हूं. लेकिन राज सरकार ने पार्क में प्रत्येक ई रिक्शा से नेचर गाइड की अनिवार्यता को समाप्त करना गलत है और हमारी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा. 

केवलादेव में करीब 80 नेचर गार्ड

हमलोग करीब 80 नेचर गार्ड हैं. जिनके परिवार का पालन-पोषण यही से होता है. सरकार ने अक्टूबर 2023 को प्रत्येक ई-रिक्शा के साथ एक नेचर गार्ड अनिवार्य किया था, जिससे पर्यटक को पार्क के बारे में सही जानकारी उपलब्ध हो रही थी. लेकिन सरकार ने जिस तरह से नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म की है इससे हमारी रोजी-रोटी तो प्रभावित होगी लेकिन पार्क को भी नुकसान होगा.

यह फैसला हमारे लिए भेदभाव जैसाः गाइड

गोरधन सिंह ने बताया कि वह 40 साल से नेचर गाइड है. लेकिन सरकार के द्वारा जारी किया गया यह आदेश हमारी रोजी रोटी छीनने का काम करेगा. लेकिन ज्यादातर देखा जाता है सरकार और प्रशासन नेचर गाइड को जॉब उपलब्ध कराता है. लेकिन यह आदेश हमारे लिए भेदभाव जैसा है.

सरकार को सोच विचार करना चाहिएः गाइड

नेचर गाइड तरुण सिंह ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर और सरिस्का में एक जैसे नियम हैं. ई रिक्शा वाहन है और उसके साथ नेचर गाइड होना जरूरी है. जब नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म कर रहे हैं तो ई-रिक्शा को भी खत्म करके पैडल वाले शुरू कर देना चाहिए. लेकिन सरकार का यह फैसला हमारे हित में गलत है सरकार को इस पर सोच विचार करना चाहिए.

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