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इंदौर से कोटा लाई गई किडनैंपिग की झूठी कहानी गढ़ने वाली छात्रा, यूट्यूब वीडियो देख रची थी अपहरण की पूरी साजिश

Kota Student Kidnap: कोटा जिले की थाना विज्ञान नगर पुलिस की टीम ने बड़ी सफलता हासिल कर खुद के अपहरण की कहानी रचने वाली इंदौर निवासी छात्रा कुमारी काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित यादव को इन्दौर पुलिस की सहायता से देव गुराड़िया क्षेत्र से दस्तयाब कर लिया है.

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इंदौर से कोटा लाई गई किडनैंपिग की झूठी कहानी गढ़ने वाली छात्रा, यूट्यूब वीडियो देख रची थी अपहरण की पूरी साजिश
खुद के अपहरण की फर्जी कहानी गढ़ने वाली छात्रा अब पुलिस हिरासत में है.


Kota Student Kidnap: बीते दिनों कोचिंग सिटी कोटा में एक छात्रा की किडनैंपिग की खबर सामने आई थी. सोशल मीडिया पर छात्रा की कई तस्वीरें वायरल हुई थी. जिसमें उसका मुंह कपड़े से बंधा था. हाथ रस्सी से बंधी थी. यह कहानी सामने आते ही कई दिनों से सुर्खियों में बनी रही. लेकिन बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि किडनैंपिग की यह कहानी झूठी है. छात्रा ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची है. एक दिन पहले पुलिस ने उक्त छात्रा को एमपी के इंदौर से सकुशल बरामद किया था. अब बुधवार को कोटा पुलिस उस छात्रा को इंदौर से कोटा लेकर आई.  जिसके बाद पुलिस से पूछताछ में छात्रा ने पूरी कहानी बयां की.  

दरअसल कोटा जिले की थाना विज्ञान नगर पुलिस की टीम ने बड़ी सफलता हासिल कर खुद के अपहरण की कहानी रचने वाली इंदौर निवासी छात्रा कुमारी काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित यादव को इन्दौर पुलिस की सहायता से देव गुराड़िया क्षेत्र से दस्तयाब कर लिया है. 

मात्र दो दिन कोटा में रही थी छात्रा 

कोटा की सिटी एसपी डॉ अमृता दुहन ने बताया कि अनुसंधान से यह तथ्य सामने आया कि काव्या 03 अगस्त, 2023 से 05 अगस्त तक कोटा में रही थी. जिसके बाद वह इन्दौर जाकर पढाई करने लगी और माता पिता को कोटा में ही रहने की जानकारी देती रही. कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान के नाम से मैसेज भी माता-पिता को भेजती रही. इन्दौर में उचित तैयारी नहीं होने के कारण काव्या को लगा कि उसका सलेक्शन नीट में नहीं हुआ तो माता-पिता से डांट खानी पड़ेगी. 

यूट्यूब पर देखा रूस में 30 लाख में होती है डॉक्टरी की पढ़ाई

उसने यू ट्यूब चैनल के माध्यम से जाना कि रशिया में करीब 30 लाख में एमबीबीएस हो जाती है. यह जानकर उसने अपने दोस्त ब्रजेश प्रताप व हर्षित यादव के साथ मिलकर अपने पिता से रुपये ऐंठने का प्लान बनाया और अपने अपहरण की झूठी कहानी बना ब्रजेन्द्र प्रताप के कमरे पर इन्दौर में ही वीडियो बना लिए. उसे पता था कि उसके पिता जी ने हाल ही में प्लॉट का विक्रय किया है, इसलिए वह अपहरण की सुनते ही रुपये दे देगें. 
        
प्लान के अनुसार काव्या, हर्षित यादव व ब्रजेन्द्र प्रताप 16 मार्च की रात जयपुर निकल गए. जहां प्लान के अनुसार 17 मार्च को होटल में ठहरे तथा अगले दिन काव्या ने नई सिम जारी करा अपने पिता को अपने साथी दोस्तों से अपहरण हो जाने की जानकारी देते हुए 30 लाख रुपए की मांग करवायी एवं अपने हाथ पैर बंधे एवं चोट लगी फोटो भेजी.

जिस पर पिता ने एसीपी साहब को सूचना देने की बात कही तो काव्या डर गयी और अपने दोनों दोस्तो के साथ जयपुर से वापस इन्दौर आ गई. लेकिन पुलिस टीम के इन्दौर आने एवं मामला मीडिया में हाईलाईट होने की वजह से वह अपने सहपाठी हर्षित यादव के साथ 19 मार्च को इन्दौर से ट्रेन से रवाना होकर चण्डीगढ होते हुए अमृतसर पहुंची. जहां 6 दिन स्वर्ण मंदिर गुरूद्वारे में रूके एवं लंगर में खाना खाया. 

28 मार्च को अमृतसर से इंदौर आए थे दोनों
         
रुपये नहीं होने के कारण 28 मार्च को दोनों फिर अमृतसर से इन्दौर आ गए जहां देव गुराडिया इलाके में किराये से कमरा लेकर रहने लगे. जहां टीम द्वारा इन्दौर पुलिस की सहायता से काव्या व उसके दोस्त हर्षित यादव को दस्तयाब किया गया. प्रकरण में दोनों से अनुसंधान जारी है. प्रकरण में विधिक राय प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी.

मां-बाप को अंधेरे में रखकर बिना मेहनत डॉक्टर बनने की थी चाहत

काव्य अपने मां-बाप को अंधेरे में रखकर डॉक्टर बनना चाहती थी. वह बिना मेहनत के रशिया जाकर एमबीबीएस की डिग्री पाना चाहती थी. इसके लिए उसने यूट्यूब का सहारा लिया. खुद के किडनैपिंग की कहानी बनानी सीखी. उसके बाद दोस्त हर्षित यादव के सहारे इंदौर में रहते कोटा के नाम किडनैप की स्क्रिप्ट के साथ वीडियो बनाया. पिता को पोस्ट किया. मैसेज भेजकर पिता से 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी. नहीं देने पर खुद की हत्या की पिता को धमकी दिलाई. 

कोटा में काव्य के पिता ने 18 मार्च को कराया था केस

नाटक ज्यादा दिन नहीं चला. कोटा में काव्या के पिता ने 18 मार्च को केस दर्ज करवाया था. कोटा पुलिस हरकत में आई. काव्या की तलाश शुरू की. कोटा में उसके कोचिंग में दाखिले को लेकर, हॉस्टल में रहने के बारे में पता किया. और उस जांच में इतना मालूम चला था. लड़की 2अगस्त को कोटा आई.मां साथ थी. मां शिवपुरी चली गई थी. लड़की कोटा दो चार दिन रुकी. और कोटा से अपने प्लान के मुताबिक चली गई. मां बाप यही सोचते थे बेटी कोटा पढ़ रही है. मगर वह इंदौर रहकर किडनैप और रसिया जाकर एमबीबीएस की डिग्री लेने का प्लान बनाती रही. 

पुलिस जांच के दौरान चंडीगढ़ और अमृतसर में छिपे थे दोनों

पुलिस ने पहले काव्य और हर्षित के दोस्त को पकड़ा था. उससे काव्य और हर्षित की सच्चाई सामने आई. अब पुलिस ने काव्या और हर्षित को दस्तयाब किया. पता चला दोनों इस केस के दौरान चंडीगढ़, अमृतसर ठहकर आए. वहां पैसे खत्म हुए थे, वापस इंदौर आ गए. पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान से इन तक पहुंची, दोनों को दस्तयाब किया. यह जानकारी कोटा एसपी डॉ अमृता दुहन ने दी.

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