Kota Suicide Case: कोटा में कोचिंग स्टूडेंटस के सुसाइड मामलों लेकर जिला प्रशासन गाइडलाइन की पालना सख्ती से हो सके, इसे लेकर जिला प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई कर रही है. कोटा के महावीर नगर तृतीय क्षेत्र में पीजी में रह रहे कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या करने के प्रकरण में जिला प्रशासन के निर्देश पर किए गए निरीक्षण के दौरान पंखे पर एंटी हैंगिंग डिवाइस लगी हुई नहीं पाए जाने तथा अन्य अनियमितताओं को देखते हुए मकान के 4 कमरों को सीज कर दिया गया है.
इस मामले में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) की अदालत में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 133 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए महावीर नगर तृतीय स्थित मकान संख्या 4-आई-11 के चारों कमरे सीज करने के साथ ही उपायुक्त नगर निगम दक्षिण एवं थानाधिकारी महावीर नगर को आदेश की पालना सुनिश्चित कराते हुए 24 घंटे में पालना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं. मकान मालिक राजेन्द्र प्रसाद गौतम को न्यायालय द्वारा पारित आदेश की पालना में उल्लेखित शर्तों की अक्षरशः पालना करने के लिए पाबन्द किया गया है.
एंटी हैंगिंग मशीन नहीं लगी थी
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कृष्णा शुक्ला ने बताया कि पीजी में पंखों को लटकाने के लिए स्प्रिंग डिवाइस का उपयोग करने संबंधी निर्धारित गाइडलाइन की पालना नहीं किए जाने की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि छात्र द्वारा आत्महत्या के प्रकरण में जांच करने पर कमरे में हैंगिंग डिवाइस का नहीं होना पाया गया. उन्होंने बताया कि उक्त मकान में 4 कमरे किराए पर दिए जाते हैं जिनमें से वर्तमान में 2 कमरों में छात्र रहते थे. छात्र की आत्महत्या के प्रकरण के बाद दूसरे छात्र द्वारा भी कमरा खाली कर दिया गया है.
होस्टल ,पीजी के निरीक्षण के निर्देश
कोटा में हॉस्टल पीजी सहित कल डेढ़ लाख से अधिक कमरे हैं जहां कोचिंग स्टूडेंट जाकर रहते हैं लेकिन उसमें से ज्यादातर कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा है कोई सुसाइड का मामला सामने आने के बाद ही एंटी हैंगिंग डिवाइस को लेकर जिला प्रशासन का एक्शन देखने को मिलता है एक बार फिर अब हॉस्टल और ग के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं.
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देश पर एक टीम गठित कर कोटा शहर में स्थित हॉस्टल/पीजी एवं कोचिंग छात्रों को किराए पर दिए गए मकानों आदि का निरीक्षण कर जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
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