
Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को जयपुर के स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान स्कूलों में बिगड़ी व्यवस्था देखकर वे नाराज हो गए. मुरलीपुरा और द्वारकापुरी के स्कूलों में लापरवाही और अनुशासनहीनता के चलते उन्होंने संबंधित प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
वाटर वर्क्स स्कूल में कम उपस्थिति
सुबह 7:40 बजे शिक्षा मंत्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, वाटर वर्क्स, पानी पेंच पहुंचे. वहां प्रार्थना सभा शुरू हो चुकी थी. स्कूल में कुल 334 बच्चों का नामांकन है, लेकिन प्रार्थना सभा में केवल 150 बच्चे ही मौजूद थे. एक व्याख्याता जितेंद्र सिंह बिना सूचना के अनुपस्थित मिले. प्रार्थना सभा मोबाइल के जरिए कराई जा रही थी, जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताई. उन्होंने प्रधानाचार्य दामोदर लाल को निर्देश दिए कि प्रार्थना सभा बच्चों से ही कराई जाए और सभी की उपस्थिति सुनिश्चित हो.
अनुपस्थित प्रधानाचार्य और गंदगी
मंत्री का अगला पड़ाव था शहीद मेजर योगेश अग्रवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मुरलीपुरा. सुबह 8:05 बजे पहुंचने पर प्रधानाचार्य रचना दूदवाल अनुपस्थित थीं. चार अन्य कर्मचारी, सुनीता पारेख, वर्षा गोयल, कृष्णा देवी जाट और कमलकांत मिश्रा भी बिना सूचना गायब थे. शाला दर्पण पोर्टल पर इनके अवकाश की कोई जानकारी नहीं थी. एक शिक्षक नीलम खेलकूद प्रतियोगिता के लिए आमेर गई थीं.

इसके साथी ही स्कूल में मूवमेंट रजिस्टर तक नहीं था. कक्षा-कक्षों में जाले और गंदगी के ढेर देखकर मंत्री हैरान रह गए. उप-प्राचार्य सोमकला वर्मा ने फोन पर प्रधानाचार्य को सूचित किया, लेकिन प्रधानाचार्य ने गुमराह करने की कोशिश की. शिक्षा मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रधानाचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया.
बच्चों को नहीं पता देश का इतिहास
द्वारकापुरी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हालात और भी खराब थे. प्रधानाचार्य सीमा विज सुबह अनुपस्थित थीं. स्टाफ ने बताया कि वे 10 बजे आती हैं क्योंकि स्कूल दो पालियों में चलता है. एक शिक्षक सैयद शाहिद स्टाफ रूम में मोबाइल चलाते मिले, जबकि माया गुरावा कक्षा में थीं. नवीं कक्षा में पढ़ा रहे जवाद अली से जब बच्चों से सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए, तो बच्चे देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं बता सके.
जिसके बाद शिक्षक ने बहाना बनाया कि बच्चे टीचर डे मनाने आए हैं. कक्षा 12वीं में इतिहास के कालांश में बच्चों को राज्यपाल और गृहमंत्री का नाम नहीं पता था. सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम भी बच्चों को याद नहीं था. स्कूल में टूटा फर्नीचर, खुले सेफ्टी टैंक, गंदगी और गुटखे के दाग देखकर मंत्री भड़क गए. उन्होंने प्रधानाचार्य और जवाद अली के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए.
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