अब वह दिन दूर नहीं जब पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में चंदन के पेड़ देखने को मिलेंगे. आमतौर पर चंदन के पेड़ दक्षिण भारतीय राज्यों में दिखते हैं. चंदन की लड़की बेहद कीमती होती है. 2021 में आई साउथ की सुपरहिट फिल्म पुष्पा से आप चंदन की कीमत और उसकी तस्करी के बारे में जानते ही होंगे. लेकिन अब दक्षिण भारतीय राज्यों में उगने वाले चंदन मरू प्रदेश राजस्थान की भी शोभा बढाएगा. शुष्क वन अनुसंधान संस्थान आफरी द्वारा लंबे समय से अपनी प्रयोगशाला एवं नर्सरी में तैयार जैविक उर्वरक से उपचारित चंदन के पौधे जिससे उन्नत किस्म की पौध तैयार की जा रही है. इसका परीक्षण किया जा रहा है.
उसी कड़ी में आफरी द्वारा गुरुवार को लोहावट के किसान विजय कृष्णा राठी के खेत पर चंदन के पौधे लगाने हेतु एक एमओयू किया गया. जिसमे किसान विजय कृष्णा राठी संस्थान को डेढ़ हेक्टेयर जमीन मुहैया करवाएंगे और संस्थान द्वारा लगाए गए पौधारोपण की भी देखभाल करेंगे.
वहीं इस परियोजना की प्रभारी डॉक्टर संगीता सिंह वैज्ञानिक एफ ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के कैम्पा के अंतर्गत अनुदानित है. और यह जैविक उर्वरक हमारी ही संस्थाओं द्वारा तैयार किए गए हैं. कई वर्षों के परीक्षण के बाद मल्टीलोकेशनल ट्रायल के अंतर्गत अब किसानों के खेतों में लगाया जा रहा है.
वहीं आफरी के समूह समन्वयक शोध डॉक्टर तरुण कांत बताया कि चंदन की खेती से नई क्रांति आने की संभावना है जो चंदन आज दक्षिण भारत की शोभा के रूप में जाना जाता है वह अब मरू प्रदेश की शोभा बढायेगा, और चंदन की पौध कृषि वानिकी के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकती है साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि करने में मिल का पत्थर बन सकती है ऐसे में आफरी द्वारा किए गए इस नवाचार से आने वाले दिनों में मरू प्रदेश में चंदन की भी खेती करते किसान नजर आएंगे.
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