राजस्थान विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित कराने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मतदाता जागरूकता के लिए जुलूस, रैली सहित अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है. लेकिन चुनाव से ठीक पहले जैसलमेर के 50 गांवों के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है. इन 50 गांवों में करीब 20 हजार वोटर हैं. जिनके प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को बैठक में मतदान बहिष्कार का ऐलान किया. दरअसल ये लोग 75 दिनों से धरने पर बैठे ट्रक यूनियन के समर्थन में हैं.
75 दिनों से धरने पर बैठें हैं लोग
दरअसल जैसलमेर के सोनू में ट्रक यूनियन व RSMM ठेकेदार आमने-सामने है. मांग है ढुलाई दरों में 3 रुपये बढ़ाने की 75 दिन से धरने पर बैठे ट्रक मालिकों के समर्थन में आसपास के 50 गांव से लोग आज धरना स्थल पर पहुंचे. सभी ने एकराय होकर आज मतदान का बहिष्कार किया.
तक़रीबन 20 हजार के करीब मतदाताओं ने आज मतदान का बहिष्कार किया है. गौरतलब है कि जैसलमेर के सोनू स्थित आरएसएमएम के आगे 75 दिन से ट्रक यूनियन का धरना लगातार जारी है.ट्रक मालिक और ड्राइवर अपने-अपने ट्रकों के साथ धरने पर बैठे हैं. मांग है लाइम स्टोन ढूलाई की दर 3 रुपए प्रति टन बढ़ाने की.
धरने में शामिल होकर लोगों ने किया ऐलान
धरने पर बैठे ट्रक मालिकों ने शुक्रवार को धरने पर भारी संख्या में एकत्रित होकर जिला प्रशासन को मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया. ट्रक यूनियन व ट्रक मालिकों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करेंगे.
400 ट्रक मालिक, ट्रक के ड्राइवर, खलासी व आस पास के स्थानीय ग्रामीण मतदान नही करेंगे. वहीं आसपास के करीब 50 गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार का आश्वासन दिया है. इनमे से 10 गांवों के लोग 20 दिन पूर्व ही बहिष्कार की चेतावनी दे चुके थे. अब 50 गांव के 20 हजार मतदाता बहिष्कार की बात कह रहे हैं.
'हमारी मांगों को ठेकेदार नहीं मान रहा, प्रशासन भी नहीं कर रही पहल'
धरने पर बैठे ट्रक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कंवराज सिंह ने बताया कि ट्रक यूनियन 75 दिन से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठी है. हमारी जायज मांग को ना तो ठेकेदार मान रहा है और ना ही प्रशासन या जनप्रतिनिधि इसको लेकर कोई प्रयास कर रहे हैं.ऐसे में ट्रक मालिकों के घर में भूखों मरने की नौबत आ गई है.अब हमने कड़ा निर्णय लेते हुए चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार का फैसला लिया है.
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