विज्ञापन
Story ProgressBack

राजस्थान के इस सरकारी गौशाला में 11 दिन में 140 गायों की मौत, बदइंतजामी की भरमार, सुविधाएं नगण्य

Cow Death in Kota cowshed: राजस्थान के कोटा निगम गौशाला में गायों की हो रही सिलसिलेवार मौत ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. यहां बीते 11 दिन में 140 गायों की मौत हो चुकी है. गौशाला में बदइंतजामी की भरमार है. गायों को मिलने वाले सुविधाएं नगण्य है. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि इन गायों की सुध कौन लेगा.

Read Time: 5 min
राजस्थान के इस सरकारी गौशाला में 11 दिन में 140 गायों की मौत, बदइंतजामी की भरमार, सुविधाएं नगण्य
राजस्थान के एक सरकारी गौशाला में बीते 11 दिनों में 140 गायों की मौत हुई है.

Cow Death in Kota cowshed: बीते कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की सर्दी में गौशाला की गायों की मृत्यु दर में अचानक उछाल आ गया है.  राजस्थान के कोटा जिले से डरावना आंकड़ा सामने आया है. यहां के निगम गौशाला में बीते 11 दिन में 140 गायों की मौत हो गई है. निगम गौशाला में बदइंतजामी की भरमार है. जबकि गायों की मिलने वाली सुविधाएं नगण्य है. गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां हो रही गायों की मौत के बारे में निगम अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है. लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. उन्होंने मामले की जानकारी अब मुख्यमंत्री को देने की बात कही है. 

दरअसल राजस्थान के कोटा नगर निगम की बंधा धर्मपुरा गौशाला में बदइंतजामी के चलते सिलसिलेवार गायों की मौत हो रही है. गौशाला में ठंड के इंतजाम नहीं होने के कारण और वेटनरी डॉक्टरों की कमी के चलते गायों की मृत्यु दर में एकदम उछाल आया है.

रोजाना 14-15 गायों की हो रही मौत

31 दिसंबर के बाद से अब तक 140 गायों की मौत हो चुकी है. नगर निगम की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह से हुई बातचीत में कहा कि इसके पहले गौशाला में गायों की मौत का मृत्यु दर 4 से 5 था. लेकिन जैसे ही सर्दी तेज हुई, शीतलहर चली तो मृत्यु दर 15 तक पहुंच गया. ऐसे में रोजाना 14 से 15 गायों की मौत गौशाला में सर्दी के चलते हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर पर्याप्त सर्दी से के बचाव के बंदोबस्त नहीं है, कई बार निगम प्रशासन के अधिकारियों को इस बारे में बता दिया है, लेकिन अब वह जल्द मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराएंगे.

गौशाला के अंदर की तस्वीर.

गौशाला के अंदर की तस्वीर.

गौशाला अध्यक्ष बेबस, बोले- एक साल से जगह की मांग कर रहे है

कोटा नगर निगम गौशाला समिति अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि गौशाला में जगह की कमी होने से क्षमता से अधिक रह रहे गोवंशों को चहलकदमी करने में भी परेशानी आती है. गौशाला की क्षमता 1500 गोवंशों की है लेकिन ढाई हजार से अधिक मवेशी यहां रह रहे हैं. गौशाला के विस्तार को लेकर लगातार मांग की जा रही हैं पिछले एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। निगम कोई सुनवाई नहीं हुई। गोवंशों को बचाने के लिए दानदाताओं की मदद ली जा रही है.

गोशाला में जो गोवंश आ रहा है, उनमें आवारा मवेशी ज्यादा होते हैं. यह प्लास्टिक कांग्रेस थैलियां खाए हुए होते हैं. यहां बीमार गायों के इलाज की कोशिश करते हैं, लेकिन एक बार अगर कोई बीमार गाय बैठ जाती है तो उसके वापस से खड़े होने की उम्मीद न के बराबर हो जाती हैं और प्रॉपर इलाज के अभाव में मौत हो जाती हैं.

गौशाल में गायों को सर्दी से बचाने की व्यवस्थाएं कमजोर है.

गौशाल में गायों को सर्दी से बचाने की व्यवस्थाएं कमजोर है.

निगम अधिकारी ने आंकड़ों पर उठाए सवाल, कहा- की जा रही व्यवस्था

ऐसा पहली बार नहीं है कि नगर निगम की बंदा धरमपुरा गौशाला में गोवंशों की मौत हुई हो. इससे पहले भी अव्यवस्थाओं को लेकर गौशाला सुर्खियों में रहा है. वहीं इस पूरे मामले में नगर निगम के आप गौशाला के इंचार्ज दिनेश शर्मा का कहना है कि गायों की मौत के जो आंकड़े बताई जा रहे हैं वह आधिकारिक नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम की ओर से गौशाला में मौजूद गोवंशों का डाटा हर रोज मेंटेन किया जाता है. बीमार गौवंशो क्या इलाज के लिए चिकित्सा व्यवस्थाएं भी नगर निगम की ओर से की गई है. गौशाला में स्टाफ को बढ़ाने के लिए मांग की जाएगी तो उसके लिए भी प्रयास करेंगे.

यह भी पढ़ें - BJP प्रत्याशी ऑफिस पर गायों की मौत, खाचरियावास बोले- चुनाव जीतने के लिए गायों को मरवा सकती है भाजपा

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close