
Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. जिसमें एक सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान यहां तीन मजदूरों की मौत हो गई. बीकानेर के करणी औद्योगिक क्षेत्र में एक ऊन मिल में सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय तीन मजदूरों की संदिग्ध रूप से दम घुटने से मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. वहीं बीकानेर में हुए तीन मजदूरों के मौत को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. बता दें 22 मई को बीकानेर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा था. ऐसे में विपक्ष ने तीन मजदूरों की मौत को लेकर सरकार को घेरा है.
पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान सागर, अनिल और गणेश करणी के रूप में हुई है और ये सभी शिवबाड़ी के रहने वाले थे. पुलिस ने बताया कि उन्हें मिल में धागा प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाले रसायन युक्त अपशिष्ट जल से भरे टैंक की सफाई के लिए बुलाया गया था.
एक के बाद दूसरे और तीसरे मजदूर की मौत
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, सबसे पहले एक मजदूर टैंक में उतरा. जब उसने काफी देर तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो दो अन्य भी टैंक में उतरे. लेकिन फिर तीनों जहरीली गैस की चपेट में आ गए और बेहोश हो गए. उनके मुताबिक, अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाला और पीबीएम अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शुरुआती जांच से पता चलता है कि टैंक में कार्बन डाइऑक्साइड या दूसरी खतरनाक गैस थी.
विपक्ष ने साधा निशाना
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना का जिक्र करते हुए 'एक्स' पर लिखा,' ये हादसा नहीं, संस्थागत हत्या है. उम्मीद थी कि आप (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) मृतक मजदूरों के परिवारजनों के प्रति संवेदना में दो शब्द कहेंगे लेकिन न तो आपने संवेदना जताई और न ही राज्य की भाजपा सरकार ने इसकी जिम्मेदारी ली.' डोटासरा ने लिखा,“सरकार को इस घटना की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए एवं मृतकों के परिवारजनों को उचित मुआवजा देना चाहिए.”
टीकाराम जूली ने भी कहा, प्रधानमंत्री जी आज बीकानेर में ही भाषण दे रहे थे लेकिन उन्हें बीकानेर में ही हुई ये दर्दनाक मौतों की चीख सुनाई नहीं दी, वे मृतको के परिवारजनों को संवेदनाएं तक व्यक्त नहीं कर सके.
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