Rajasthan News: विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्वी राजस्थान में घेरने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति तैयार कर ली है. रविवार को 13 जिलों के नेताओं संग कांग्रेस वॉर रूम में करीब 2 घंटे तक चली बैठक में ERCP के मुद्दे पर चुनावी कैंपेन करने की सहमति बन गई है. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने बैठक के बाद बताया कि कांग्रेस का ये चुनावी कैंपेन 16 अक्टूबर से पूर्वी राजस्थान के बांरा जिले में शुरू होगा. इसके तहत एक दिन में दो जिले कवर किए जाएंगे.
10 अक्टूबर से जनजागरण अभियान
डोटासरा ने आगे बताया कि इस कैंपेन के तहत हर जिले में एक बड़ी जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें एक लाख लोग शामिल होंगे. इसके अलावा 10 अक्टूबर से पूर्वी राजस्थान के सभी 13 जिलों में मंडल स्तर पर ईआरसीपी को लेकर जनजागरण अभियान करेंगे. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर निकलने वाली कांग्रेस की इस यात्रा का नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) करने वाले हैं. करेंगे. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीसीसी वॉर रूम में कांग्रेस कोर कमेटी के चेयरमैन व प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सह प्रभारी अमृता धवन, वीरेंद्र राठौड़, सीपी जोशी एवं आमंत्रित सदस्यों बैठक में मौजूद रहे.
पीसीसी वॉर रूम में कांग्रेस कोर कमेटी के चेयरमैन व प्रभारी श्री सुखजिंदर सिंह रंधावा जी, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी, सह प्रभारी श्रीमती अमृता धवन जी, श्री वीरेंद्र राठौड़ जी एवं आमंत्रित सदस्यों के साथ बैठक में #ERCP के मुद्दे पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। pic.twitter.com/V1wKTsQL5s
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) October 8, 2023
सभी दिग्गज नेता चलेंगे एक साथ
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस की इस यात्रा में गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट सहित तमाम बड़े नेता साथ चलेंगे. इस यात्रा के माध्यम से पूर्वी राजस्थान की विधानसभा सीटों पर भाजपा को घेरने का प्रयास रहेगा. वहीं कांग्रेस पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की बड़ी सभाएं कराने की तैयारी भी करेगी. कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 2 साल पहले अपनी सभाओं में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को ईआरसीपी से जोड़ने का वादा किया था, लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं किया. कांग्रेस सरकार का कहना है कि यदि केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करती है, तो हम इस परियोजना को शुरू करेंगे.