Rajasthan Politics: राजस्थान में राज्यसभा की खाली हुई एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. आने वाले दिनों में प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है. इन चुनावों से पहले की सियासी तैयारी शुरू हो चुकी है. इस बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से मुलाकात की. इस मुलाकात से राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है. कई लोग इस मुलाकात के अलग-अलग सियासी मतलब निकाल रहे हैं.
राजभवन में हुई सीएम और राज्यपाल की मुलाकात
दरअसल राजस्थान में राज्यसभा चुनाव और उप चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की राज्यपाल से मुलाक़ात को लेकर सियासी चर्चाएँ शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से की मुलाकात की थी. हालाँकि दोनों के बीच इसे शिष्टाचार मुलाक़ात बताया जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि इस मुलाक़ात में राजस्थान के कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है. भजनलाल शर्मा ने मुलाकात के फोटो साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘आज राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे से आत्मीय मुलाकात की और प्रदेश से जुड़े विभिन्न जनहितकारी विषयों पर उनके साथ सार्थक चर्चा की.''
आज राजभवन में महामहिम राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े जी से आत्मीय मुलाकात की व प्रदेश से जुड़े विभिन्न जनहितकारी विषयों पर उनके साथ सार्थक चर्चा की।#आपणो_अग्रणी_राजस्थान @RajBhavanJaipur pic.twitter.com/MOrVe9bamY
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) August 9, 2024
सीएम ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की साझा की जानकारी
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की और आपदा प्रबंधन को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी है. इसके अलावा राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र को लेकर भी चर्चा हुई है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि क्या राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार की संभावनाओं को लेकर भी कोई बातचीत हुई है इसके अलावा क्या दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा की गई है.
उपचुनाव से पहले राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल
माना जा रहा है कि राजस्थान में उपचुनाव से पहले मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां की जा सकती है हालाँकि भाजपा के भीतर एक कैंप का ये भी मानना है तो चुनाव से पहले किसी मंत्री को हटाने से ग़लत संदेश भी जा सकता है लेकिन अगर सरकार किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफ़ा स्वीकार करती है तो फिर सरकार को फेरबदल विस्तार करना होगा और इसी बहाने कुछ नए लोगों को मौक़ा मिल सकता है.
क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर राजनीतिक नियुक्तियां संभव
इसके साथ छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी भाजपा एक्शन मोड़ में है. सरकार के स्तर पर इन विधानसभा सीटों को जीतने के लिए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर राजनीतिक नियुक्तियाँ भी दी जा सकती है. मुख्यमंत्री एक दो दिनों में दिल्ली जा सकते हैं इस दौरे के दौरान CM की कई अहम मुद्दों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा होने की संभावना है.
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