Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन का सोमवार को आखिरी दिन था. इस दौरान सैकड़ों उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया. प्रदेश में नाराज नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए पर्चा दाखिल कर दिया. भाजपा से बगावत करने के बाद आज पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान ने निर्दलीय रूप में डीडवाना से अपना नामांकन दाखिल कर दिया.
गौरतलब है यह पहला मौका है, जब यूनुस खान ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है. इससे पहले वे डीडवाना विधानसभा से चार बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें से दो बार उन्हें जीत मिली थी और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था.
'यह चुनाव जनता लड़ रही है'
यूनुस खान के आवास पर एक आम सभा का आयोजन हुआ, जिसमें यूनुस खान ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इसके बाद कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ यूनुस खान रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एसडीएम जीतू कुलहरी के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया. मीडिया से बातचीत करते हुए यूनुस खान ने कहा, यह चुनाव मैं नहीं लड़ रहा, बल्कि डीडवाना की जनता लड़ रही है.
'कुशासन के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव'
यूनुस खान ने कहा, मैंने जनता के आदेश पर ही चुनाव लड़ना स्वीकार किया है. उन्होंने आगे कहा कि इस बार का चुनाव बेहद खास होगा, क्योंकि यह चुनाव भ्रष्टाचार, कुशासन, अनीति और अत्याचार के विरुद्ध होगा यह चुनाव डीडवाना के मान- सम्मान और विकास के लिए लड़ा जाएगा, क्योंकि जनता कांग्रेस के कुशासन से तंग आ चुकी है और अब मुक्ति चाहती है.
वसुंधरा गुट से होने के नाते नहीं मिला टिकट
गौरतलब है पूर्व मंत्री यूनुस खान डीडवाना से भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन माना जा रहा है कि वसुंधरा गुट का नेता होने के कारण डीडवाना से उनकी टिकट काट दी गई. डीडवाना से लगातार दूसरा मौका है, जब यूनुस खान की टिकट काटी गई है. इससे पूर्व 2018 में भी डीडवाना से उनकी टिकट काटकर टोंक में सचिन पायलट के सामने यूनुस खान को उतारा गया था, जबकि डीडवाना यूनुस खान की परंपरागत सीट है और वह यहीं से टिकट की मांग कर रहे थे.
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