Rajasthan News: दिपावली नजदीक आ गई है, हर घर में साफ-सफाई के साथ-साथ खरीदारी का दौर भी शुरू हो चला है. लेकिन राजस्थान के करीब 13 हजार सरकारी कर्मचारी एक अलग ही चिंता में डूबे हैं. इन कर्मियों की चिंता है- वेतन. दरअसल प्रदेश के 13 हजार सरकारी कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में अब ये सभी कर्मी इस बात लेकर परेशान है कि उनके यहां दिपावली कैसे मनेगी. यह परेशानी है राजस्थान के लोगों को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने वाले रोडवेज कर्मियों की.
रोडवेज कर्मी त्योहारी सीजन में यात्रियों को रोज उनके गंतव्य तक तो पहुंचा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उनके लिए अपना परिवार चलाना कठिन हो रहा है. राजस्थान की सरकारी परिवहन रोडवेज सेवा में कर्मचारियों और पेंशन धारियों को 2 महीने से उनका वेतन नहीं मिल है.
जिसकी वजह से सभी रोडवेज कर्मियों और पेंशनर्स को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. जानकारी के अनुसार, रोडवेज में कार्यरत 13 हजार से अधिक कर्मचारियों का दो माह का वेतन लंबित है. वहीं 10 हजार सेवानिवृत कर्मचारियों को भी 2 साल से पेंशन नहीं मिल रहा है.
प्रदेश में 52 परिवहन डिपो
उल्लेखनीय हो कि प्रदेश में राजस्थान परिवहन निगम की 52 डिपो हैं. इसके साथ ही दिल्ली, अहमदाबाद और इंदौर यूनिटों में चालक-परिचालक सहित विभिन्न संवर्गों में 13 हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं. साथ ही प्रदेशभर में करीब 10 हजार सेवानिवृत रोडवेज कर्मचारी रोडवेज निगम के पेंशनर हैं.
'दो दिन में जारी हो सकता है बजट'
वहीं बांसवाड़ा आगार प्रबंधक मनीष जोशी ने बताया कि पेंशन के लिए सभी कार्य प्रदेश मुख्यालय स्तर पर ही होते हैं और सीधे ही वहीं से जारी होती है. कर्मचारियों के वेतन के लिए लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है और एक दो दिन में बजट जारी होने की संभावना है.
2 माह से नहीं दिया वेतन
परिवहन निगम सूत्रों की जानकारी के अनुसार, रोडवेज कर्मियों को वेतन के लिए प्रतिमाह करीब 45 करोड़ रुपए और पेंशन भुगतान के लिए करीब 12 करोड़ रुपए की जरुरत होती है, लेकिन अक्तूबर और नवम्बर माह का वेतन पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है. रोडवेज में 16 तारीख से अगले माह की 15 तारीख तक के कार्य दिवसों से वेतन गणना की जाती है.
ऐसे कुछ दिन बाद दिसम्बर माह का पहला पखवाड़ा पूरा होने के साथ ही तीन माह का वेतन लंबित हो जाएगा. हर माह वेतन-पेंशन नहीं मिलने से रोडवेज कर्मचारी और पेंशनर बहुत परेशान है. सभी लोग जैसे-तैसे करके अपने परिवार की गाड़ी चला रहे हैं.
यह भी पढ़ें- 5 साल बाद भारतमाला सड़क परियोजना को मिली हरी झंडी, 390 के बजाय अब 872 करोड़ में बनेगी 137 KM लंबी सड़क