
Rajasthan News: राजस्थान में सिरोही जिले के सरकारी अस्पताल में मेडिकल कॉलेज का दर्जा तो है, लेकिन इलाज के नाम पर मरीजों को सिर्फ निराशा मिल रही है. जहां हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया, जिसमें डॉक्टर की लापरवाही ने मरीज और उनके परिजनों को मुश्किल में डाल दिया.
जानें क्या थी पूरी घटना
जानकारी के अनुसार, 24 अगस्त की रात रामदेवरा के एक जातरू की अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिजन उन्हें तुरंत 108 एंबुलेंस से सिरोही के सरकारी अस्पताल ले गए. लेकिन वहां मौजूद नाइट ड्यूटी डॉक्टर ने ना सिर्फ मरीज का इलाज करने से इनकार किया, बल्कि परिजनों के साथ बदतमीजी भी की. परिजनों ने बार-बार इलाज की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टर ने कहा, “वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है, मरीज को रेफर करना पड़ेगा.” इसके बाद डॉक्टर अपने चेंबर में जाकर सो गए.
मजबूरी में गुजरात की राह
लाचार परिजनों को मजबूरन निजी एंबुलेंस किराए पर लेकर मरीज को गुजरात के पालनपुर ले जाना पड़ा. वहां हैरानी की बात ये हुई कि सिर्फ एक ड्रिप और इंजेक्शन से मरीज की हालत ठीक हो गई. सवाल उठता है कि क्या इतना सामान्य इलाज सिरोही अस्पताल में नहीं हो सकता था? इस लापरवाही की वजह से परिजनों को 10 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा.
लोगों में गुस्सा, प्रशासन खामोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि सिरोही अस्पताल में सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी डराकर रेफर कर दिया जाता है. इससे मरीजों और उनके परिवारों को आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है. बड़ा सवाल ये है कि क्या जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग इस लापरवाही पर कोई कदम उठाएंगे? या फिर आम लोग ऐसे ही ठगे जाते रहेंगे?
खबर- साकेत गोयल
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