
Rajasthan Politics: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पहले कंवरपाल मीणा से जुड़े क्रिमिनल केस में उनको राहत दे दी थी. लेकिन आज उनकी याचिका खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कंवरलाल मीणा को अब 2 सप्ताह में सरेंडर करना होगा. कोर्ट के इस फैसले से उनकी विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है.
क्या है 20 साल पुराना मामला?
यह मामला 2005 का है. बारां जिले के खाताखेड़ी में उप सरपंच चुनाव के दौरान कंवरलाल मीणा ने रिपोलिंग की मांग को लेकर तत्कालीन SDM रामनिवास मेहता पर रिवॉल्वर तान दी थी.
उन्होंने SDM को जान से मारने की धमकी दी. साथ ही घटना का वीडियो बना रहे वीडियोग्राफर की कैसेट तोड़ दी. इस मामले में झालावाड़ की अकलेरा ADJ कोर्ट ने दिसंबर 2020 में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी.
कोर्ट का फैसला और सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली ट्रिपल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. हाईकोर्ट ने भी सजा को सही ठहराया था. पहले सुप्रीम कोर्ट ने कंवरलाल को सरेंडर पर अंतरिम राहत दी थी. लेकिन अब उनकी याचिका खारिज कर दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया गया है.
जानें अब आगे क्या होगा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंवरलाल मीणा की विधायकी पर संकट गहरा गया है. अगर वे सरेंडर करते हैं और 2 साल से अधिक समय तक जेल में रहते है, तो उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है. इससे अंता विधानसभा में उपचुनाव की स्थिति बन सकती है. इस मामले ने राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी है.
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