
Rajasthan News: रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. वहीं इस बार राजस्थान सरकार ने बहनों को खास तोहफा देते हुए दो दिनों तक रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है. इस घोषणा के बाद सुबह से ही रोडवेज बस स्टैंडों पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई. हर कोई अपने भाई के पास पहुंचने के लिए उत्साहित था.
वहीं टोंक रोडवेज बस स्टैंड पर तो हालत यह थी कि बसें आते ही लोग सीट पाने के लिए दौड़ पड़ते. कुछ लोग बसों की खिड़कियों से भी अंदर घुसते नजर आए. भीड़ को देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया ताकि किसी को परेशानी न हो. महिलाओं का उत्साह देखकर साफ था कि यह त्योहार उनके लिए कितना खास है.
बाबा श्याम के दरबार में उमड़ी भीड़
रक्षाबंधन पर बाबा श्याम के दर्शन के लिए लगातार भक्त पहुंच रहे हैं. अपनी बहनों की खुशियां मांगने और बहनों के घर में सुख शांति बनी रहे. ऐसी ही मुरादे लेकर बाबा श्याम के दरबार में भक्त आ रहे हैं. भक्तों ने बताया कि बाबा के दरबार में आशीर्वाद लेंगे बाबा श्याम के दर्शन करेंगे और अपनी बहन और परिवार की खुशियां मांगेंगे. बाबा श्याम सभी के मुरादे पूरी करते हैं और बाबा इस रक्षाबंधन के त्योहार पर हमारी बहनों की खुशियां भी बनाए रखेंगे.
बाजारों में राखी और मिठाई की धूम
रक्षा बंधन पर बाजारों में सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई. राखी की दुकानों पर फैंसी और कार्टून किरदारों वाली राखियां बच्चों और युवाओं की पहली पसंद बनीं. मिठाई की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी. हालांकि, इस बार महंगाई ने राखी और खोपरे के गोले की कीमतों पर असर डाला. फिर भी, त्योहार का जोश कम नहीं हुआ. बहनें उत्साह के साथ राखियां और मिठाइयां खरीदती नजर आईं. बाजारों में रौनक और लोगों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी.
अलवर में पतंगबाजी की अनोखी परंपरा
अलवर में रक्षा बंधन का त्योहार सिर्फ राखी तक सीमित नहीं है. यहां इस दिन पतंगबाजी की परंपरा भी उत्साह से मनाई जाती है. सुबह हुई हल्की बारिश के बाद मौसम सुहावना हो गया, जिससे लोग छतों पर पतंग उड़ाने पहुंच गए. बच्चों का जोश देखते ही बनता था. बाजारों में तरह-तरह की पतंगों की दुकानें सजी थीं और इनकी बिक्री भी खूब हुई. अलवर की यह अनोखी परंपरा रक्षा बंधन को और भी रंगीन बना देती है.
त्योहार का उत्साह
रक्षा बंधन का यह पर्व हर बार की तरह इस बार भी लोगों के दिलों में प्यार और उत्साह लेकर आया. मुफ्त यात्रा, बाजारों की रौनक और अलवर की पतंगबाजी ने इस त्योहार को और खास बना दिया.
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