Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले के गढ़टकणेत गांव में कालीदास महाराज मंदिर के नजदीक एक ईंट भट्टे का निर्माण चल रहा है. यह भट्टा गांव की घनी आबादी में बनाया जा रहा है जिससे लोगों में भारी नाराजगी फैल गई है. ग्रामीणों का कहना है कि यह काम पूरी तरह अवैध है क्योंकि इसके लिए सरपंच से कोई एनओसी नहीं ली गई और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति भी नहीं है. वे इसे पर्यावरण मंत्रालय के नियमों का खुला उल्लंघन बता रहे हैं. अगर यह भट्टा चल गया तो हवा में धुआं और धूल फैलकर सबके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगा.
रातों-रात तेज निर्माण, संवेदनशील जगहों पर खतरा
ग्रामीण बताते हैं कि खसरा नंबर 825 पर यह भट्टा बनाया जा रहा है. रात के समय लाइटें जलाकर तेजी से काम हो रहा है जैसे कोई जल्दी में हो. सबसे चिंता की बात यह है कि भट्टे के आसपास कई महत्वपूर्ण जगहें हैं. सिर्फ 50 मीटर दूर कालीदास महाराज का मंदिर है जहां लोग पूजा करने आते हैं.
250 मीटर पर आंगनबाड़ी केंद्र है जहां छोटे बच्चे खेलते-कूदते हैं. 200 मीटर की दूरी पर सरकारी बिजली स्टेशन है और 250 मीटर दूर सरकारी स्कूल के साथ पशु चिकित्सालय भी है. इसके अलावा 200 मीटर पर गर्ल्स हॉस्टल है जहां लड़कियां रहती हैं. इतनी भीड़भाड़ वाली जगह पर भट्टा लगने से प्रदूषण बढ़ेगा और बीमारियां फैल सकती हैं. ग्रामीणों को डर है कि उनके बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा.
कलेक्टर को ज्ञापन, जांच के आदेश
इस मुद्दे पर ग्रामीण एडवोकेट प्रवीण कलवानियां के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा और भट्टे का काम तुरंत रोकने की मांग की. ज्ञापन में उन्होंने अवैध निर्माण का पूरा ब्योरा दिया और कहा कि जांच टीम बनाकर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और श्रीमाधोपुर तहसीलदार को जांच करने के निर्देश दे दिए.
पूर्व सरपंच के साथ पहुंचे ग्रामीण
इस मौके पर पूर्व सरपंच पति कमलेश कुमार सुनील कुमार सुभाष सामोता शंभू रोलानिया गोपाल रोलानिया विकास कुमार गोपाल सामोता जैसे कई ग्रामीण भी साथ थे. यह घटना दिखाती है कि कैसे अवैध काम गांवों की शांति भंग कर रहे हैं. अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा संकट आ सकता है. ग्रामीण अब जांच के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनका गांव सुरक्षित रहे.