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राजस्थान की नदियों में औद्योगिक प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, एंपावरमेंट कमेटी का गठन किया

जोधपुर की जोजरी नदी में बढ़ते प्रदूषित पानी को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से संज्ञान लिया था. प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें अब हालात बेहतर होने की आस है.

राजस्थान की नदियों में औद्योगिक प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, एंपावरमेंट कमेटी का गठन किया

Jojari River: पश्चिमी राजस्थान की जीवन रेखा कही जाने वाली जोधपुर की जोजरी, पाली की बाँडी और बालोतरा की लूनी नदी में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख़्त रुख अपनाया है. अदालत ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक एंपावरमेंट कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी रिटायर्ड जस्टिस संगीत लोढ़ा की अध्यक्षता में इन नदियों के पुनर्जीवन और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों की निगरानी करेगी. इसमें संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे, जो औद्योगिक क्षेत्रों की कार्यप्रणाली, CETP-STP की स्थिति, डिस्चार्ज पॉइंट की मैपिंग और नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे.

जांच कमेटी फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी. कमेटी की टीम जोधपुर, पाली और बालोतरा के प्रभावित नदी क्षेत्रों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेगी. रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट आगे की कार्रवाई तय करेगा. पर्यावरण संरक्षण के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे एनजीओ और किसान वर्ग में कमेटी के गठन के बाद नई उम्मीद जगी है कि प्रदूषण से जूझ रही इन नदियों की स्थिति में अब सुधार होगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से संज्ञान लिया

जोधपुर की जोजरी नदी में बढ़ते प्रदूषित पानी को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से संज्ञान लिया था. प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से उन्हें अब हालात बेहतर होने की आस है. अदालत ने एनजीटी के उन आदेशों पर से भी रोक हटा दी है, जिनमें प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. अब इन निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी.

कमेटी अपना कार्यालय स्थापित कर कार्य शुरू करेगी

9 दिसंबर से जोधपुर में कमेटी अपना कार्यालय स्थापित कर कार्य शुरू करेगी. इसके बाद कमेटी तीनों जिलों में नियमित निरीक्षण, औद्योगिक इकाइयों की मॉनिटरिंग और नदी प्रदूषण के स्रोतों की पहचान का काम करेगी. एनजीटी के मानकों के अनुसार पर्यावरण सुधार के उपायों को लागू करवाने पर भी कमेटी खास ध्यान देगी.

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