Samravata violence: राजस्थान हाईकोर्ट से समरावता हिंसा के आरोपियों को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने समरावता हिंसा के 39 आरोपियों को जमानत दे दी है. ये सभी आरोपी कल जेल से बाहर निकलेंगे. हालांकि समरावता हिंसा मामले में जेल में बंद कांग्रेस के बागी नेता नरेशा मीणा को अभी जेल में ही रहना होगा. मालूम हो कि राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव मतदान के दौरान समरावता गांव में मतदान केन्द्र के बाहर फर्जी मतदान के आरोप में कांग्रेस के बागी नेता और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एडीएम अमित चौधरी की थप्पड़ मार दिया था.
समरावता हिंसा मामले में 62 लोग हुए थे गिरफ्तार
इस घटना के बाद नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हुई थी. पुलिस पर पथराव के साथ-साथ वाहनों में भी आग लगाई गई थी. बाद में सख्ती करते हुए पुलिस ने हिंसा और आगजनी मामले के मामले में नरेश मीणा सहित 62 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी लोग जेल में बंद है. इनमें से 39 लोगों की शुक्रवार को उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी स्वीकार हो गई.
39 लोगों को हाईकोर्ट से मिली जमानत
टोंक जिले के नगरफोर्ट थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 167/2024 में आरोपी है. समरावता में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने इन लोगों को विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया था. बाद में निचली कोर्ट में इनकी जमानत अर्जी खारिज होती गई. पिछले साल दिसम्बर में यह प्रकरण अपील के जरिए उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए गया था. शुक्रवार को 39 लोगों की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रवीण भटनागर ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.
व्यक्ति विशेष पर आरोप नहीं होने से मिली राहत
पैरवी कर रहे अधिवक्ता नासिर अली, मुकेश मीना और राजेन्द्र सिंह तंवर ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान 39 लोगों में से किसी एक व्यक्ति विशेष पर आरोप नहीं होने की बात कही. इससे सहमत होते हुए न्यायाधीश ने इन सभी को जमानत देने का फैसला लिया. हालांकि नरेश मीणा सहित मामले के अन्य आरोपी अभी जेल में ही रहेंगे.
13 नवम्बर को उपचुनाव में मतदान के बाद हुई थी हिंसा और आगजनी
टोंक जिले के समरावता गांव में 13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान का ग्रामीणों द्दारा बहिष्कार ओर उसी दौरान तीन वोट डाले जाने के बाद जंहा समरावत्ता में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चोधरी के थप्पड़ मार दिया था, इससे पहले ग्रामीणों ने विभिन्न मांग को लेकर वोटिंग का बहिष्कार शुरू किया था और काफी हंगामा हुआ था.
थप्पड़ मारने की घटना के बाद हुआ था भारी बवाल
इसी दौरान थप्पड़ कांड हुआ वह एसडीएम को थप्पड़ मारने का मामला तूल पकड़ लिया और नरेश मीणा की जगह-जगह गिरफ्तारी की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन भी हुए. उधर वोटिंग का बहिष्कार करने वाले ग्रामीण इस थप्पड़कांड के बाद मतदान स्थल से थोड़ी दूर धरना करीब 4 घण्टे से बाद दोपहर 3:30 बजे के करीब ग्रामीण मतदान के लिए तो राजी हो गए, लेकिन मतदान करने के बाद वह नरेश मीणा के साथ वापस वहां धरने पर बैठ गए.
रात को मतदान सम्प्पन होने के बाद गांव में हिंसा और आगजनी हुई थी, जिसमे कई चौपहिया और दोपहिया वाहन भी जलाए गए थे. बाद में भारी पुलिस बल के बीच नरेश मीणा की गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल अभी नरेश मीणा जेल में बंद हैं.
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