हल्दी संक्रमण और रोगों से बचाती है, लेकिन त्वचा के लिए किसी हाइड्रा फेशियल से कम नहीं है. ये शरीर को भीतर से विषमुक्त करती है, रक्त को शुद्ध रखती है और त्वचा के गहरे स्तरों तक सूजन, रूखापन और बैक्टीरियल प्रभाव को खत्म करती है. आयुर्वेद में हल्दी को हरिद्रा कहते हैं, जो कफ और पित्त को संतुलित करती है और इसका सेवन शरीर को अंदर से रोग मुक्त बनाता है. हल्दी घाव को तेजी से भरने में मदद भी करती है लेकिन आज हम हल्दी के कुछ आयुर्वेदिक लेप के बारे में बताएंगे, जो सर्दियों में चेहरे को शुष्क होने से बचाएंगे और त्वचा की चमक वापस लाने में मदद भी करेंगे.
हल्दी का लगाएं उबटन
पहला- हल्दी का उबटन लगाना. इसके लिए हल्दी, बेसन, दही, चंदन और सरसों के तेल का मिश्रण तैयार करें और चेहरे को साफ कर लगाएं. ये चेहरे पर ग्लो लाने में मदद करेगा और त्वचा के मृत कोशिकाओं को हटाकर दाग-धब्बों को कम करेगा. लेप के सूख जाने के बाद गुनगुने पानी से साफ कर लें और फिर नमी के लिए मॉइश्चराइजर लगा लें.
दल्दी और दूध का लेप लगाएं
दूसरा- हल्दी और दूध का लेप. दूध की जगह घी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ये लेप खुजली और ड्राई स्किन को रिपेयर करने में मदद करेगा और दूध त्वचा की नमी बनाए रखेगा. अगर त्वचा पर ज्यादा रूखापन है तो हफ्ते में तीन बार इसे लगा सकते हैं.
मुंहासे और घाव भरता है
तीसरा- हल्दी और नीम के पत्तों का लेप. बाजार में नीम के पत्तों का पाउडर आसानी से मिल जाता है. ये लेप चेहरे पर निकले मुंहासे और घाव को भरने में मदद करेगा. हल्दी और नीम दोनों में ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घाव को भरने और संक्रमण को फैलने से रोकते हैं.
त्वचा की चमक कई गुना बढ़ जाएगी
चौथा- हल्दी और चावल के मांड का लेप. ये लेप चेहरे को कोमल बनाकर त्वचा को अंदर से साफ करेगा. कोरियन ट्रीटमेंट में भी चावल के पानी और मांड का इस्तेमाल होता है, जबकि आयुर्वेद में मांड को पहले ही औषधि माना है. ये लेप चेहरे में कसावट लाने का काम करेगा और त्वचा की चमक कई गुना बढ़ जाएगी.
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