सर्दियों में ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होता है, क्योंकि तापमान में गिरावट सीधा रक्त वाहिनियों पर दबाव बनाता है, जिससे शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और रक्त का संचार धीरे होता जाता है. शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होना बहुत जरूरी है, क्योंकि रक्त के जरिए ही पूरे शरीर को पोषण और ऑक्सीजन मिलता है. पोषण और ऑक्सीजन के जरिए ही शरीर का हर अंग सुचारू रूप से काम करता है.
हाथ पैरों में रहता है झनझनाहट
सर्दियों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से न होने पर हाथ-पैरों में झनझनाहट, शरीर का गर्म न होना, चेहरे और होठों पर रूखापन, दिल का तेज गति से धड़कना, बेचैनी महसूस होना, रक्तचाप का बढ़ना, सुबह उठते ही भारीपन महसूस होना, सिर दर्द होना और चक्कर जैसा महसूस होना और हाथ-पैरों में झुनझुनी के साथ दर्द महसूस होने लगता है.
गुनगुने पानी का करें सेवन
आयुर्वेद में कुछ ऐसे सरल उपाय बताए गए हैं, जिससे आप शरीर के रक्त संचार को बेहतर बना सकते हैं. इसके लिए सर्दियों में गुनगुने पानी का सेवन करें. खाने से पहले और खाने के बाद भी गुनगुने पानी का सेवन करें. अगर शरीर में जकड़न महसूस होती है तो किसी भी गर्म तासीर वाले तेल से मालिश करें. इससे मांसपेशियों में रक्त का संचार बढ़ेगा और जकड़न और दर्द से राहत मिलेगी. बुजुर्गों को सर्दियों में इस परेशानी से ज्यादा दो-चार होना पड़ता है. ऐसे में उनकी देखभाल करना ज्यादा जरूरी है.
सर्दियों में हल्की धूप जरूर लें
सर्दियों में हल्की धूप लेना बिल्कुल न भूलें. हल्की धूप शरीर को विटामिन डी देने के साथ गर्माहट भी देगी और रक्त संचार भी बेहतर होगा. धूप लेने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं और शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा भी मिलती है. इसके अलावा, रोज हल्की एक्सरसाइज और प्राणायाम करें. अदरक और दाल दालचीनी के काढ़े का सेवन करें. भारी भोजन से परहेज करें. शरीर को गर्म कपड़ों से ढक्कर रखें. तनाव लेने से बचें और ताजा खाना खाएं.
शरीर को गर्म रखने के लिए तिल, गुड़, लहसुन-प्याज वाला गर्म सूप, मूंगफली, मेवे और केसर का सेवन करें. ये पोषण देने के साथ-साथ रक्त संचार को भी बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
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