राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू किया है. इस दौरान कोई योजना या कार्य जो सरकार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं को लुभाने वाली प्रतीत होती हो ऐसा कोई कार्य नहीं किया जा सकता है. राजस्थान के बूंदी जिले में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने के मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नगर परिषद के चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी द्वारा मामले को गंभीर मानते हुए नगर परिषद के चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. रिटर्निंग ऑफिसर सोहनलाल ने बताया कि आचार संहिता के बावजूद नगर परिषद की कृषि शाखा में तैनात कर्मचारी सुरेंद्र रावल और जितेंद्र मीणा द्वारा 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' में पट्टे बनाने के लिए शनिवार को एक राज्यस्तरीय अखबार में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई थी.
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जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आचार संहिता का खुला उल्लंघन मानते हुए दोनों कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं. इसी प्रकार नगर परिषद में तैनात सेवानिवृत कर्मचारी राजेंद्र सिंघानिया जो आयुक्त का निजी सहायक और एक फायरमैन अलानूर द्वारा अपने स्तर पर ही दशहरा सवारी रूट चार्ट का कार्ड बनाकर उसमें सभापति का नाम अंकित कर दिया था. जिसे भी निर्वाचन विभाग द्वारा गंभीर मानते हुए राजेंद्र सिंघानिया और अलानूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
गौरतलब है इस मामले में शुक्रवार को एक व्यक्ति द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय में गुप्त शिकायत की गई थी. जिस पर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी के निर्देश पर बूंदी तहसीलदार अर्जुन लाल द्वारा नगर परिषद में पहुंचकर जांच पड़ताल की गई और मामले की विस्तृत रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपने के बाद यह कार्रवाई अमल में लायी गई.
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