
Rajasthan News: राजस्थान के कुचामन सिटी में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में एक चौंकाने वाला मोड़ आ गया है. बाइक एजेंसी संचालक रमेश रूलानिया की हत्या की जिम्मेदारी खुद रोहित गोदारा गैंग के साथी वीरेंद्र चारण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर ली है. वीरेंद्र चारण ने पोस्ट में लिखा है- 'यह हत्या हमने करवाई है. लगभग एक साल पहले हमने उसे फोन किया था. उस वक्त उसने हमारे लिए अपमानजनक शब्द बोले थे और उसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर कहा था कि मैं तुम्हें 100 रुपये का नोट भी नहीं दूंगा, ले लेना. आज सबको पता चल गया होगा कि हम किसी को नहीं भूलते. थोड़ा वक़्त लग सकता है, लेकिन सबकी बारी आएगी. जो भी हमारे फोन को इग्नोर करेगा और अनसुना करेगा, वो तैयार रहे — सबकी बारी आने वाली है.'

हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला पोस्ट
जिम में कैसे हुई 'टारगेट किलिंग'?
मंगलवार सुबह कुचामन सिटी (डीडवाना) के स्टेशन रोड पर हुई इस वारदात ने सबको हिलाकर रख दिया. रमेश रूलानिया रोज की तरह वर्कआउट करने जिम आए थे. तभी दो स्कॉर्पियो गाड़ियों में सवार होकर तीन नकाबपोश बदमाश जिम में घुसे. उन्होंने दूसरी मंजिल पर स्थित जिम में जाकर रमेश रूलानिया पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. फायरिंग के बाद बदमाश तुरंत फरार हो गए, जबकि घायल रमेश रूलानिया को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
जिस गैंगस्टर वीरेंद्र चारण ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है, उसका रिकॉर्ड भी बेहद खौफनाक है. वीरेंद्र चारण वही गैंगस्टर है जिसने पहले राजस्थान में करणी सेना के अध्यक्ष की हत्या की थी. उस वारदात के बाद ही वह रोहित गोदारा के साथ मिलकर पुर्तगाल भाग गया था. यह साफ है कि ये दोनों गैंगस्टर विदेश में बैठकर भी भारत में बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके खुलेआम जिम्मेदारी लेकर पुलिस और प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं.
पुलिस पर सवाल: सुरक्षा हटी क्यों?
इस हत्याकांड ने पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक रमेश रूलानिया को पिछले साल रोहित गोदारा गैंग से रंगदारी की धमकियां मिली थीं. धमकियों के बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा भी दी गई थी, लेकिन बाद में यह सुरक्षा हटा ली गई. लोगों का सीधा आरोप है कि अगर पुलिस ने सुरक्षा नहीं हटाई होती या पिछली धमकियों को गंभीरता से लिया होता, तो आज यह बड़ी वारदात नहीं होती. पिछले साल कुचामन के 5 व्यापारियों को गोदारा और वीरेंद्र चारण गैंग से धमकियां मिली थीं. हत्या की खबर मिलते ही SP रिचा तोमर और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. पूरे जिले में नाकाबंदी कराई गई है और अपराधियों की तलाश में टीमें रवाना की गई हैं.
बंद का ऐलान, शव लेने से इनकार
इस हत्याकांड से पूरे शहर में तनाव और आक्रोश है. प्राइवेट स्कूल, कॉलेज और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने विरोध में कुचामन बंद का ऐलान कर दिया है. गुस्साए लोगों ने साफ कह दिया है कि वे मृतक रमेश रूलानिया का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे, जब तक पुलिस हत्यारों को गिरफ्तार नहीं करती. व्यापारी अब एकजुट होकर कह रहे हैं कि अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह बंद अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा. पुलिस अब इस मामले को रंगदारी, सोशल मीडिया पर अपमान और गैंगवार से जोड़कर देख रही है और आरोपियों की तलाश में जुटी है.
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