
राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद से महिला सुरक्षा और क्राइम कंट्रोल को लेकर पुलिस को सख्त कार्रवाई का निर्देश मिला हुआ है. कई जगहों से पुलिस के सख्त एक्शन की खबरें भी सामने आ रही है. लेकिन इस बीच उदयपुर की पुलिस ने तीन छात्राओं से छेड़छाड़ के एक मामले में ऐसा ढीला काम किया कि आरोपियों को कोर्ट से रिहा कर दिया गया. पुलिस की लापरवाही को लेकर जज ने एसपी को संबंधित थानेदार पर कार्रवाई का आदेश दिया है. इधर पुलिस की लापरवाही के कारण कोर्ट से आरोपियों की रिहाई के बाद लोगों में गुस्सा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल उदयपुर जिले के ओंगना थाना में 3 छात्राओं से छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी किया. लेकिन जांच में पुलिस ने ऐसी लापरवाही बरती कि कोर्ट रूम में पुलिस को शर्मसार होना पड़ा. पुलिस द्वारा कोर्ट में पेशी के दौरान थानेदार उत्तम सिंह ने केस से संबंधित जो कागजात पेश किए, उसमें गिरफ्तारी का कारण ही नहीं लिखा. जिस कारण कोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी को कानून सम्मत नहीं मानते हुए उन्हें रिहा कर दिया.
आरोपियों की रिहाई के बाद कोर्ट द्वारा थानेदार उत्तम सिंह पर कार्रवाई करने के लिये एसपी को निर्देश दिया गया हैं. पुलिस लापरवाही से आरोपियों के रिहा होने पर ग्रामीणों में आक्रोश व गुस्सा है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों का बचाव किया है. जबकि पुलिस को उन पर कड़ी करवाई करनी चाहिए थी.

पुलिस की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन करते स्थानीय लोग.
स्कूल से लौटते समय 4 आरोपियों ने की थी छेड़छाड़
मालूम हो कि रास्ता रोककर छेड़छाड़ की यह घटना दो दिन पहले की है. 3 छात्राएं स्कूल से छुट्टी के बाद स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए पंप पर जा रही थी, इसी दौरान भटवाड़ा के पास सुनसान जगह पर आरोपी मोहम्मद जावेद और अपने तीन साथियों अहमद फराज, शाहरूख और तौफिक के साथ कार में आया. इन सभी ने छात्राओं को रास्ते में रोककर और छेड़छाड़ अभद्र व्यहवार करना शुरू कर दिया, इसके बाद अश्लील हरकत की. इसी दौरान गांव के एक युवा ने इस हरकत को देखा और वहाँ पहुचा गया इसे देखकर आरोपी वहां से भाग गए.
आरोपी ने घर जाकर उठाकर ले जाने की दी थी धमकी
आक्रोशित लोगों ने बताया कि छेड़छाड़ के एक आरोपी जावेद द्वारा एक छात्रा को घर से रात को जाकर उठाकर ले जाने की धमकी दी गई. इसपर नाराज ग्रामीण मंगलवार को बाजार बंद करवाकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. तनाव को बढ़ते देखकर पुलिस को 5 थानों का जाब्ता तैनात करना पड़ा. इसके बाद सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन कोर्ट से आरोपियों की रिहाई के बाद पीड़ित छात्राएं अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है.
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