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This Article is From May 04, 2024

Rajasthan: भरतपुर जिला कलेक्ट्रेट के पास फायर एनओसी नहीं, जिले की 36 बिल्डिंग पर नगर निगम करेगा कार्रवाई

सरकारी नियम है कि 9 मीटर से ऊंची बिल्डिंग, जिसका क्षेत्रफल 250 वर्ग मीटर हो, या ऐसे स्थान जहां पर 50 से ज्यादा लोगों का आना जाना हो, और उसका कुल क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर है, उन भवनों को फायर एनओसी लेना जरूरी है.

Rajasthan: भरतपुर जिला कलेक्ट्रेट के पास फायर एनओसी नहीं, जिले की 36 बिल्डिंग पर नगर निगम करेगा कार्रवाई

Rajasthan News: राजस्थान के सभी अधिसूचित शहरी निकायों में आगजनी की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भवनों में अगिनश्मन/अगिनी सुरक्षा संबंधी उपकरण व यंत्र लगाकर तालिका-1 में चिन्हित भवनों व गतिविधियों के लिए फायर एनओसी लेने का प्रावधान किया गया था. लेकिन भरतपुर नगर निगम क्षेत्र में तो फायर एनओसी जारी करने वाली संस्था खुद नगर निगम के पास ही फायर एनओसी नहीं है. यहां पर 'दीये तले अंधेरा' वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. यही नहीं, ऐसा ही कुछ हाल जिले के सभी सरकारी भवनों का है. चाहे वह जिला कलेक्ट्रेट हो या संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम अस्पताल हो, या यूआइटी ऑडोटोरियम हो, यह हाल उन सभी एसेम्बली बिल्डिंगों का है, जहां पर 50 से अधिक लोगों का आना जाना होता है. 

लेकिन इन सरकारी भवनों के पास फायर एनओसी नहीं है. यह हम नहीं कह रहे हैं. यह कहना है नगर निगम के ही अगिनश्मन अधिकारी अरुण सिंह का. अगिनश्मन अधिकारी अरुण सिंह के अनुसार नगर निगम, जिला कलेक्ट्रेट, यूआईटी ऑडोटोरियम, सबसे बडे़ जिला आरबीएम अस्पताल व भरतपुर मेडीकल कॉलेज सहित किसी भी सरकारी भवन के पास फायर एनओसी नहीं है. कुछ नए सरकारी भवनों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगा तो है, लेकिन वह ठीक नहीं है, जिसके चलते नगर निगम के अगिनश्मन विभाग ने उनको फायर एनओसी जारी नहीं की है.

क्या कहता है नियम?

सरकारी नियम है कि 9 मीटर से ऊंची बिल्डिंग जिसका क्षेत्रफल 250 वर्ग मीटर हो या ऐसे स्थान जहां पर 50 से ज्यादा लोगों का आना जाना हो और उसका कुल क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर है, उन भवनों को फायर एनओसी लेना जरूरी है. गत वर्ष 14 सितम्बर 2023 को डीएलबी डारेक्टर ने समस्त निकायों, नगर पालिकाओं के लिए इस सम्बंध में नई गाइड लाइन जारी की थी. जिसके तहत भरतपुर शहर में 238 ऐसे भवन हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं है और जो नियमो की पालना नहीं कर रहे हैं. इनको नगर निगम के फायर ऑफिसर अरुण सिंह द्वारा दो बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अब इन पर पेनल्टी लगाने की कार्यवाही नगर निगम के द्वारा की जाएगी.

36 बिल्डिंग में नहीं NOC

नगर निगम के अगिनश्मन अधिकारी अरुण सिंह के अनुसार, भरतपुर शहर में किसी भी सरकारी भवन के पास कोई फायर एनओसी नहीं है. यानी फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र नहीं है. भरतपुर शहर में 52 बड़े निजी अस्पताल हैं जिनमें 32 के पास ही फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र है. इसी तरह भरतपुर शहर में संचालित 72 मैरिज होम में से मात्र 5 के पास ही फायर एनओसी है. इसी तरह भरतपुर शहर में संचालित 52 बड़े स्कूलों में से सिर्फ 5 के पास ही फायर एनओसी हैं. भरतपुर में 45 छोटी बड़ी होटल्स हैं जिनमें से मात्र 6 बड़ी होटल्स के पास ही फायर एनओसी है. भरतपुर शहर में संचालित बड़े मार्ट, शो रूम कॉम्प्लेक्स, पीजी, हॉस्टल, आउटलेट्स सहित 238 ऐसी बिल्डिंग हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं है. यानी बिना फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र के लोगों का आवागमन है. आगजनी की घटना होने पर नगर निगम की फायर ब्रिगेड ही बचाव के लिए सहारा है.

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