Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट आने के बाद देश का सियासी माहौल चढ़ गया है. भाजपा ने जिन नेताओं को टिकट दिया हैं, वो पार्टी आलाकमान का आभार जताते हुए चुनावी तैयारी में जुट गए हैं. दूसरी ओर इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं, जिनका टिकट काटे जाने की चर्चा की. लेकिन अंतिम समय में वो अपना टिकट बचा पाने में सफल हुए. भाजपा ने शनिवार को 195 प्रत्याशियों की जंबो लिस्ट एक साथ जारी की. जिसमें राजस्थान के 15 लोकसभा सीटों से भी उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. लेकिन इस लिस्ट में एक रोचक बात यह है कि भाजपा ने एक ऐसे नेता को भी लोकसभा का टिकट दिया है, जो पूर्व में पार्षद का चुनाव तक हार चुके हैं. हालांकि मोदी लहर में वो न केवल लोकसभा तक पहुंचे बल्कि उन्हें कैबिनेट में भी जगह मिली.
हम बात कर रहे हैं कि बाड़मेर लोकसभा सीट की. जहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को फिर से टिकट दिया है. कैलाश चौधरी अब किसी परिचय के मोहताज नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैलाश चौधरी पहले न केवल पार्षद का बल्कि दो बार विधानसभा का चुनाव भी हार चुके हैं.
हार से हुई राजनीति की शुरुआत, सोनिया गांधी के उलझने के बाद जेल गए
कैलाश चौधरी बालोतरा के रहने वाले हैं. उनका राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा हुआ है. कैलाश चौधरी छात्र जीवन से ही दबंग नेता रहे हैं. शुरुआत से उनका आरएसएस और भाजपा से जुड़ाव रहा है और राजनीति की शुरुआत में बालोतरा नगर पालिका के वार्ड संख्या 19 से पार्षद का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
बालोतरा में आमजन से जुड़े मुद्दों पर प्रखरता से आवाज उठाते हुए कई धरना प्रदर्शन किए इस दौरान उनपर कई मुकदमे भी दर्ज हुए. साल 2004 में वें जिला परिषद के सदस्य का चुनाव जीते और 2006 में बाड़मेर के कवास में आई बाढ़ के समय दौरा करने आई यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विरोध प्रदर्शन के उलझ गए जिसके चलते उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी. साथ ही उन्हें हिस्ट्रीशीटर भी घोषित किया था.
बायतू विधानसभा सीट से तीसरे नंबर पर रहे, फिर लोकसभा में बड़े मार्जिन से जीते
कैलाश चौधरी ने बाड़मेर की बायतू वर्तमान में बालोतरा जिले की बायतू विधानसभा सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और 2013 जीतकर विधायक भी बने. लेकिन दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हरीश चौधरी और आरएलपी से पहली बार चुनाव लड़ रहे उम्मेदाराम के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में बुरी तरह से हारते हुए तीसरे स्थान पर रहे थे.
लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने बाड़मेर जैसलमेर सीट से पहली बार उम्मीदवार बनाया गया था इस चुनाव में कैलाश चौधरी ने बड़े मार्जिन से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे और मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री बनाएं गए थे और पूरे पांच साल मंत्री रहे.
2019 में कांग्रेस के कर्नल मानवेंद्र सिंह को 3.50 लाख वोट से हराया
2019 के लोकसभा चुनावों में कैलाश चौधरी ने कर्नल मानवेंद्र सिंह को 3.50 लाख वोट से हराया था. कैलाश चौधरी आरएसएस की पृष्ठ भूमि से आते हैं. 2019 के चुनावों में संघ ने जमकर मेहनत की थी और इनके चुनावी प्रचार पीएम मोदी ने बड़ी जनसभा को संबोधित किया था और फिल्मी स्टार सनी देओल ने बाड़मेर शहर एक बड़ा रोड़ शो भी किया था.
इस चुनाव में कैलाश चौधरी ने भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे और अटल बिहारी वाजपेई सरकार में वित्त विदेश और रक्षा मंत्री रहे जसवंत सिंह जसोल के पुत्र और इसी सीट से भाजपा से सांसद रहे और कांग्रेस चुनाव लड़ रहे कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल को 3.50 लाख से ज्यादा के मार्जिन से हराकर लोकसभा पहुंचे थे.
समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर छा गई. कैलाश चौधरी के नाम की घोषणा के बाद बड़ी मात्रा में कैलाश चौधरी के समर्थक और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाड़मेर के विवेकानंद सर्किल पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया और एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर बधाइयां दी.
इस अवसर इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप पालीवाल ने बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा लोकसभा सीट से एक बार फिर कैलाश चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है और यही उत्साह इस बार लोकसभा चुनावों में इस सीट से भाजपा को पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीत दिलाएंगे.
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