Bundi Municipal Council: राजस्थान सरकार ने बूंदी नगर परिषद की सभापति पद पर भाजपा पार्षद सरोज अग्रवाल को नियुक्त कर दिया है. आज भाजपा पार्षदों के साथ सरोज अग्रवाल ने पदभार ग्रहण किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया, जोरदार स्वागत किया गया. एनडीटीवी से बातचीत में नवनियुक्त सभापति सरोज अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार के साथ तालमेल बिठाकर बूंदी का विकास कराया जाएगा. पहली प्राथमिकता शहर में साफ-सफाई है. आने वाले दिनों में सड़कों से लेकर सिवरेज सिस्टम तक के विकास होंगे.
इधर भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बातचीत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का अंत हुआ है. अब बूंदी से लेकर राजस्थान तक एक ही सरकार है, आने वाले दिनों में शहर में विकास की गंगा बहेगी.
पति सुरेश अग्रवाल भाजपा के जिलाध्यक्ष
मालूम हो कि हाल ही में बूंदी नगर परिषद सभापति मनोनीत की गई सरोज अग्रवाल भाजपा अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल की पत्नी हैं. नगर निकाय चुनाव भी सभापति पद के लिए जनता पार्टी ने पार्षद सरोज को मैदान में उतारा था. कड़ी टक्कर में कांग्रेस की मधु नुवाल ने बाजी मारी थी. 60 पार्षदों वाली बूंदी परिषद में तब कांग्रेस प्रत्याशी नुवाल को 31 तथा भाजपा रही सरोज अग्रवाल को 29 वोट मिले थे.
मधु नुवाल हाईकोर्ट में दे सकती है मामले को चुनौती
वहीं जानकारी सामने आ रही है कि मधु नुवाल कोर्ट का सहारा ले सकती है. अपने आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती है. राजनैतिक पंडितों का कहना है कि अगर हाईकोर्ट डीएलबी के आदेश को स्टे लगाता है तो वापस से मधु नुवाल को सभापति नियुक्त होना पड़ेगा. यानि यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों के बूंदी नगर परिषद में सभापति का पद पर खींचतान जारी रहेगी.
अवैध कब्जा की न्यायिक जांब करवाएगी सरकार
दूसरी ओर जिस सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा मामले में सभापति मधु नुवाल को कुर्सी गंवानी पड़ी, सरकार अब इस मामले की न्यायिक जांच करवाएगी. जिसके लिए इस मामले को विधि विभाग को भेजा गया है. राज्य सरकार ने न्यायिक जांच प्रभावित ना हो इसे देखते हुए सभापति मधु नुवाल को बूंदी नगर परिषद सदस्य और सभापति दोनों के पद से निलंबित कर दिया गया है.
गोशाला की भूमि से जुड़ा हुआ है मामला
शहर के सिलोर इलाके में गोशाला की भूमि पर सभापति और उनके पति पर कब्जा करने और अतिक्रमण के आरोप लगे थे. इसके बाद कोटा स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक ने इस मामले में जांच की. जिसमें प्रारंभिक तौर पर सभापति और कुछ नगर परिषद कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने की बात सामने आई.
सभापति मधु नुवाल को जांच में आरोप सही मिलने के बाद सुनवाई का मौका भी दिया गया. सभापति को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) में स्पष्टीकरण नोटिस भेजा गया. सभापति ने इसका जवाब भी दिया. कांग्रेस की सभापति की निलंबित करने के मामले में पूर्व खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी सरकार उठाए थे.
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