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This Article is From Jan 08, 2025

Rajasthan: बीकानेर हाउस की कुर्की पर दिल्ली कोर्ट का नया आदेश, राजस्थान सरकार को मिली राहत

Bikaner House Attachment Stay: अदालत ने नगर पालिका को आदेश दिया था कि वो एनवायरो इन्फ्रा इंजीनिय कंपनी को 50,31,512 लाख रुपये का भुगतान करे. लेकिन इसकी पालना नहीं की गई. इसी कारण कुर्की का आदेश जारी हुआ, और फिर उस पर रोक लगा दी गई. अब नोखा नगर पालिका ने कोर्ट में 92.24 लाख रुपये जमा कर दिए हैं.

Rajasthan: बीकानेर हाउस की कुर्की पर दिल्ली कोर्ट का नया आदेश, राजस्थान सरकार को मिली राहत
राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा.
X@BhajanlalBjp

Rajasthan News: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान नगर परिषद के स्वामित्व वाले ‘बीकानेर हाउस' को कुर्क करने की प्रक्रिया पर लगाई गई अंतरिम रोक को 1 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज विद्या प्रकाश ने यह आदेश नोखा नगर परिषद की तरफ से मिली उस जानकारी के बाद सुनाया, जिसमें कहा गया कि उसने एक कंपनी को 50.31 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने का निर्देश देने वाले आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

नवंबर में कुर्की पर लगी थी रोक

इससे पहले, 29 नवंबर 2024 को जिला अदालत ने बीकानेर हाउस की कुर्की संबंधी अपने पहले के आदेश पर रोक लगा दी थी. उस वक्त जज ने कहा था कि मध्यस्थता के जरिये ‘एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड' के पक्ष में किया गया 2020 का निर्णय अंतिम रूप ले चुका है, क्योंकि निगम परिषद की अपील 2024 में पहले ही खारिज हो चुकी है. यह कहते हुए जज ने 1 हफ्ते के अंदर कोर्ट में एफडीआर जमा करने की शर्त पर कुर्की पर रोक का आदेश जारी कर दिया था. हालांकि बाद में अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले साल की 7 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी. कल जब इस पर सुनवाई हुई तो कुर्की पर रोक को बढ़ा दिया गया.

बीकानेर हाउस विवाद को समझिए

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित बीकानेर हाउस का मालिकाना हक नोखा म्यूनिसिपल काउंसिल के पास है. 4 साल पहले कोर्ट ने नोखा नगर पालिका और इनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच 50 लाख रुपये के विवाद मामले में एक आदेश सुनाया था. लेकिन 18 सितंबर को बताया गया कि कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की गई. बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहा. इसी के चलते अदालत ने डिक्री धारक (डीएच) की ओर से पेश किए गए तर्कों से सहमति जताते हुए बीकानेर हाउस की कुर्की का वारंट जारी कर दिया.

'ये सरकार की संपत्ति है'

इसके बाद अदालत में नोखा नगर पालिका के वकील ने स्पष्ट किया कि बीकानेर हाउस उनकी संपत्ति नहीं है. यह राज्य सरकार की संपत्ति है. नगर पालिका ने यह भी कहा कि कम्पनी को 7 दिन के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा, जिसके बाद कुर्की के आदेश पर रोक लगा दी गई थी.

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