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This Article is From Dec 28, 2023

राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की पहली बड़ी कार्रवाई, 50 हजार के इनामी गैंगस्टर दिग्विजय सिंह को पकड़ा

Anti Gangster Task Force in Rajasthan: दिग्विजय सिंह चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में हुए दोहरा हत्याकांड मामले का आरोपी है. वह चित्तौड़गढ़ जिले में 2009 हुए दोहरे हत्याकांड में 5 साल से फरार चल रहा था.

राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की पहली बड़ी कार्रवाई, 50 हजार के इनामी गैंगस्टर दिग्विजय सिंह को पकड़ा
5 साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी कुख्यात बदमाश दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू दीक्षित.

Anti Gangster Task Force in Rajasthan: राजस्थान में सत्ता बदलते सरकार अपराधियों पर ताबड़तोड़ एक्शन कर रही है. इसी कड़ी में बीते दिनों मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने गैंग्स और गैंगस्टरों को समाप्त करने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया था. सीएम के निर्देश पर राजस्थान में गठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एडीजीपी दिनेश एम एन के नेतृत्व में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. विशेष व्रज प्रहार अभियान के जरिए राजस्थान पुलिस ने दो दिनों में 3696 बदमाशों को  गिरफ्तार किया है. इस अभियान से इतर गुरुवार को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स को पहली बड़ी सफलता हाथ लगी है. गुरुवार को एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने 5 साल से फरार चल रहे 50 हजार रुपए के इनामी कुख्यात बदमाश दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू को जयपुर से गिरफ्तार किया है. दिग्विजय उर्फ बिट्टू दीक्षित भानू प्रताप गैंग का सक्रिय गैंगस्टर है. 

दिग्विजय सिंह चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में हुए दोहरा हत्याकांड मामले का आरोपी है. वह करीब 5 साल से फरार चल रहा था. एडिशनल डीजीपी क्राइम एंड आईजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू चित्तौड़गढ़ जिले के थाना बेंगू में वर्ष 2009 हुए दोहरे हत्याकांड में 5 साल से फरार चल रहा था।

कोटा और जयपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया बिट्टू 

एडीजी ने बताया कि टीम को आरोपी के जयपुर में होने की सूचना मिलने पर आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार व एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश के सुपरविजन व एएसआई बनवारी लाल शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. गठित टीम द्वारा प्राप्त सूचना को पूर्ण विकसित कर पुख्ता की गई.गुरुवार को थाना करधनी इलाके के नांगल जैसा बोहरा क्षेत्र में टीम ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी को कोटा शहर में कोर्ट में पेश किये जाने पर कोटा एजीटीएफ टीम को सोपा गया।

2009 में चित्तौड़गढ़ में गैंगस्टर शिवराज के दो भाइयों की हुई थी हत्या

वहीं मामले में कोटा एसपी शरद चौधरी ने बताया कि हाड़ोती में दो कुख्यात गैंग है. जिसमें वर्चस्व की लडाई चलती रहती है. उसी क्रम में 12 मई 2009 को मैनाल थाना बेगूं जिला चितौडगढ़ में भानु प्रताप सिंह गैंग द्वारा प्रतिद्वन्दी गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाई बृजराज सिंह व जितेन्द्र सिंह कि गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. उक्त प्रकरण में दोषी साबित सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा न्यायालय द्वारा सुनाई गई थी. उक्त हत्याकाण्ड का आरोपी दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू दीक्षित सजा सुनाये जाने से पूर्व ही फरार हो गया था.

बिट्टू पर 50 हजार रुए का था इनाम

बिट्टू की गिरफ्तारी के लिए न्यायाधीश अपर सेशन न्यायालय क्रम 5 कोटा द्वारा स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया. काफी प्रयास के बाद भी वह पकड़ा नहीं गया तो महानिरिक्षक पुलिस उदयपुर रेंज द्वारा इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था. बिट्टू भीम गंजमण्डी क्षेत्र का रहने वाला है. कोटा पुलिस ने उसकी जानकारी जयपुर भेजी थी. जहां से प्रभावी कार्यवाही करते हुए AGTF जयपुर व कोटा शहर पुलिस टीम ने दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू को डिटेन कर थाना भीमगंजमण्डी कोटा शहर लेकर आये. जहा उसे गिरफ्तार किया है. अब इसे न्यायालय में पेश किया जायेगा.

बीवी-बच्चों ने छोड़ दिया था साथ 

गैंगस्टर दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू के विरुद्ध पूर्व में 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज है. इसके अपराधिक प्रवृत्ति के कारण इसकी पत्नी और बच्चों ने साथ छोड़ दिया और अलग रहने लग गए. गैंगस्टर शिवराज सिंह का भाई बृजराज सिंह वर्ष 2008 में हुए गैंगस्टर लाला बैरागी की हत्या का मुख्य गवाह था, जिसकी भानूप्रताप और उसके साथियों ने हत्या कर दी थी. तब से भानू प्रताप गैंग ब्रजराज सिंह की हत्या की फिराक में थी. 13 मई 2009 को कोटा चित्तौड़गढ़ के बीच बृजराज सिंह व उसके साथी जितेंद्र पर अंधाधुन्ध फायरिंग की गई, जिसमें दोनों की मौत मौके पर हो गई थी. 

बिट्टू की गिरफ्तारी में इन लोगों की भूमिका अहम

मामले में चित्तौड़गढ़ कोर्ट ने एक महिला सहित पांच व्यक्तियों को दोषी ठहरा उन्हें अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि दो आरोपी की मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपित बिट्टू उर्फ दिग्विजय सिंह फरार हो गया। बाद में गवाहों और फरियादी को जान का खतरा होने से राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर इसकी सुनवाई कोटा में ट्रांसफर की गई.

गैंगस्टर को पकड़ने में एजीटीएफ टीम के एएसआई बनवारी लाल, हेड कांस्टेबल मदन लाल शर्मा, कांस्टेबल अरुण कुमार, कुलदीप सिंह, इंद्र सिंह, अशोक सिंह व सुनील कुमार एवं आयुक्तालय जयपुर के हेड कांस्टेबल अजेंद्र सिंह व अमित की विशेष भूमिका रही.

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