
Health News: गर्मियों की तपती धूप में जामुन एक ताजगी भरा तोहफा है. इसका खट्टा-मीठा स्वाद न सिर्फ जीभ को भाता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी वरदान है. भारतीय संस्कृति में जामुन का खास स्थान है. पौराणिक कथाओं से लेकर आयुर्वेद तक, यह फल अपनी खूबियों के लिए मशहूर है. इसका वैज्ञानिक नाम 'सिजीगियम क्यूमिनी' है और यह भारतीय उपमहाद्वीप का मूल फल है.
सेहत का साथी
जामुन में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और कम कैलोरी होती है, जो इसे सेहतमंद बनाती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, जामुन डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसी समस्याओं में फायदेमंद है. यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए भी लाभकारी है. जामुन को आमतौर पर नमक के साथ खाया जाता है, जो इसके स्वाद को और निखारता है.
पाचन और हड्डियों का दोस्त
आयुर्वेद की सुश्रुत संहिता में जामुन को पाचन के लिए बेहतरीन बताया गया है. इसमें मौजूद फाइबर कब्ज, सूजन और एसिडिटी से राहत देता है. जामुन के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा को चमकदार बनाते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस भी होता है, जो हड्डियों को मजबूती देता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम करता है.
जामुन की गुठलियों का कमाल
जामुन की गुठलियां भी सेहत के लिए चमत्कारी हैं. इन्हें धूप में सुखाकर चूर्ण बनाया जाता है. इस चूर्ण का सेवन डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है, जिससे जमा गंदगी बाहर निकलती है. बड़े-बुजुर्गों की सलाह है कि गुठलियों को फेंके नहीं, बल्कि इसका उपयोग करें.
आयुर्वेद में खास महत्व
आयुर्वेद में जामुन के फल और पत्तियों का उपयोग दवाइयों में होता है. यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत को दुरुस्त रखने का प्राकृतिक तरीका भी है.
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