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झुंझुनूं का एक और लाल देश की सेवा में शहीद, असम में थी तैनाती; कल गांव लाया जाएगा पार्थिव शरीर

राजस्थान के झुंझुनूं जिले का सपूत संजय गुर्जर देश सेवा में शहीद हो गया. असम में ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से हुआ निधन. वह तीन बच्चों को छोड़ गए. सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. 

झुंझुनूं का एक और लाल देश की सेवा में शहीद, असम में थी तैनाती; कल गांव लाया जाएगा पार्थिव शरीर
शहीद जवान संजय गुर्जर.

Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक और वीर सपूत ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. खेतड़ी के निकट चिरानी की ढाणी खारकावाली के निवासी 29 वर्षीय संजय गुर्जर देश की सेवा के दौरान शहीद हो गए. संजय असम में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे.

जहां कुछ दिनों पूर्व उनकी तबीयत बिगड़ गई. उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था. जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया. जहाँ उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली. दिल्ली में सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद उनका पार्थिव शरीर खेतड़ी के लिए रवाना किया गया. रात लगभग नौ बजे पार्थिव शरीर खेतड़ी थाने पहुंच गया.

3 बच्चों के पिता है शहीद जवान

कल सुबह आठ बजे तिरंगा यात्रा के साथ उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव ले जाया जाएगा. निजामपुर मोड़ से ढाणी खारकावाली तक एक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी. जिसके उपरांत सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सेना के जवान.

शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सेना के जवान.

29 वर्षीय संजय गुर्जर 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में असम के लेखापाणी में 5 ग्रेनेडियर में तैनात थे. उनकी पत्नी ममता एक गृहिणी हैं और उनके तीन बच्चे हैं. जिसमें एक छह वर्षीय बेटी कोनिका, चार वर्षीय बेटी तनिशा और दो वर्षीय बेटा हर्षित है.

20 दिन पहले ही आए थे गांव

संजय गुर्जर के पिता नथमल गांव में ही काम करते हैं. जबकि उनकी माता, कमला देवी, एक गृहिणी हैं. उनका छोटा भाई संदीप भी गांव में ही काम करता है और उनकी बहन का विवाह हो चुका है. संजय के निधन की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.

शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सेना के जवान.

शहीद के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सेना के जवान.

ग्रामीण अपने प्रिय बेटे के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार संजय 11 दिसंबर को ही गांव आए थे, जब उनकी तबीयत बिगड़ी थी. इसके बाद वे वापस ड्यूटी पर लौट गए. लेकिन असम में उनकी तबीयत फिर से खराब हो गई और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया और फिर उनकी मौत हो गई.

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